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इतिहास के पन्नों में 30 अप्रैलः तानाशाह हिटलर ने की आत्महत्या

देश-दुनिया के इतिहास में 30 अप्रैल की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इतिहास में 30 अप्रैल की तारीख दुनिया के सबसे बड़े तानाशाह माने जाने वाले जर्मन नेता अडोल्फ हिटलर की मौत के रूप में दर्ज है। दुनिया से यहूदियों का नामो निशान मिटा देने का ख्वाब देखने वाले जर्मन तानाशाह हिटलर ने 30 अप्रैल, 1945 को सोवियत सेनाओं से घिरने के बाद बर्लिन में जमीन से 50 फुट नीचे एक बंकर में खुद को गोली मारकर अपनी पत्नी इवा ब्राउन के साथ आत्महत्या कर ली थी।

पूरे विश्व में क्रूरता और तानाशाही के लिए कुख्यात एडोल्फ हिटलर का जन्म 20 अप्रैल 1889 को ऑस्ट्रिया में हुआ था। बड़ा होने पर हिटलर सेना में भर्ती हुआ। जर्मनी की ओर से पहले विश्व युद्ध में हिस्सा लिया। इस युद्ध में जर्मनी हार गया। इसके बाद हिटलर ने सेना छोड़ दी और जर्मन वर्कर पार्टी का सदस्य बन गया। बाद में यही पार्टी नाजी पार्टी के रूप में सामने आई। हिटलर भाषण देने में इतना माहिर था कि समझदार लोग भी उसके बहकावे में आ जाते थे। इसके चलते धीरे-धीरे उसको जनसमर्थन मिलने लगा और साल 1933 में उसने जर्मनी की सत्ता पर कब्जा कर लिया। जर्मनी में उसने पूरी तरह से नस्लवाद को बढ़ावा दिया। यहूदियों से नफरत के चलते नरसंहार किया। होलोकास्ट में तो लगभग 60 लाख यहूदियों को मरवा दिया, जिनमें 15 लाख तो बच्चे ही थे।

हिटलर की उम्र जब 40 साल की थी तो म्यूनिख में उसकी मुलाकात एक लड़की से हुई। उसका नाम इवा ब्राउन था। तब इवा सिर्फ 17 साल की थी और म्यूनिख में नाजी फोटोग्राफर हेनरिक हॉफमैन के स्टूडियो में नौकरी करती थी। वहीं दोनों मिले। देखते ही देखते हिटलर और इवा एक-दूसरे से प्यार करने लगे पर कभी भी एक-दूसरे को अपने दिल की बात नहीं बताई। मौत से खौफ खाने वाला हिटलर नहीं चाहता था कि उसकी लव स्टोरी किसी को पता चले। इस बीच, प्रेम परवान चढ़ता रहा और हिटलर का ज्यादा से ज्यादा देशों पर अपना आधिपत्य बढ़ाने का लालच भी। उसने जर्मनी का आधिपत्य बढ़ाने के लिए कई देशों पर हमला शुरू कर दिया, जिसने दूसरे विश्व युद्ध का रूप ले लिया।

यहां तक कि स्टालिन से समझौते के बावजूद हिटलर ने तत्कालीन सोवियत संघ पर भी धावा बोल दिया और उसकी सेनाएं रूस की राजधानी मॉस्को तक पहुंच गईं। इस बीच कई देश एकजुट होकर हिटलर के खिलाफ लड़ने लगे। इस युद्ध में सोवियत संघ भी कूद गया और शुरुआती झटकों के बाद 1945 में सोवियत संघ की सेनाएं हिटलर की सेना को खदेड़ते हुए बर्लिन तक पहुंच गईं। उधर, अमेरिकी सेनाएं भी लगातार हिटलर को तलाश रही थीं। हिटलर ने बर्लिन के पास एक बंकर में शरण ले रखी थी। उसके साथ इवा भी थी।

वहां करीब एक महीना दोनों साथ रहे। 29 अप्रैल 1945 को दोनों ने अचानक शादी कर ली। अगले दिन 30 अप्रैल को हिटलर और इवा ब्राउन ने एक साथ लंच किया और अपने कमरे में चले गए। इसके बाद उनके कमरे से गोली चलने की आवाज आई। सैनिक अंदर पहुंचे तो इवा और हिटलर मृत पड़े थे। इवा ने सायनाइड की गोली खाई थी, जबकि हिटलर ने सायनाइड की गोली खाने के साथ ही खुद को गोली भी मार ली थी। इससे पहले हिटलर ने अपने पालतू डॉग ब्लांडी और उसके पिल्लों को भी सायनाइड खिला दिया था।


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