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कोदा झिंगोरा से उत्तराखंड को बनाएंगे आत्मनिर्भर : गणेश जोशी

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि कोदा झिंगोरा उत्तराखंड को आत्म निर्भर बनाएंगे। राज्य के निर्माण में महिलाओं की भूमिका अहम रही है और मातृ शक्ति का समाज में अहम योगदान है।

रतन सिंह प्रेक्षागृह, कॉलेज ऑफ़ वेटनेरी, पंतनगर विश्वविद्यालय में आज कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने राष्ट्रीय महिला आयोग एवं ग्राम्य विकास के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित “महिला किसान और महिला दैनिक मजदूरों के पलायन” से संबंधित संगोष्ठी का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कृषि विकास में, विशेषकर फसल उत्पादन, पशुधन, बागवानी, कटाई के बाद के कार्य, कृषि/सामाजिक वानिकी, मत्सय पालन आदि में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

उन्होंने कहा कि महिला किसान/महिला दैनिक मजदूरों के पलायन से संबंधित बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस दौरान कई वक्ताओं ने महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार रखें।

मंत्री ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम की सभी महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि केंद्र सरकार मातृ शक्ति की कितना चिंता करती है, यह इस बात का संकेत है। चाहे दिल्ली की केंद्र सरकार हो या राज्य की धामी सरकार लगातार महिलाओं के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने देश की कमान संभालते ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था। आज बेटियां फाइटर प्लेन चला रही है। हर क्षेत्र में बेटी आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि बेटियों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज कैप के माध्यम से 25 हजार से अधिक किसानों को जोड़ा गया है। जिसका 95 करोड़ टर्न ओवर है। उत्तराखंड की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या कृषि आधारित है और इनमें मुख्य शक्ति का सबसे बड़ा सहयोग है।

उन्होंने कहा महिलाओं को सशक्त करने के लिए पंचायत में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया था उसे बढ़ाकर 50 फीसद किया है। कृषि विभाग की ओर से आत्मा योजना के तहत महिला समूह को प्रतिवर्ष प्रशिक्षण दिया जाता है। पर्वत का क्षेत्र में मशीनीकरण को बढ़ावा दिए जाने के लिए महिला किसानों को लाभ मिलेगा। इस दौरान मंत्री ने श्री अन्न के लाभ और उसके महत्व के बारे में भी जानकारी दी।

मंत्री ने कहा कि विभिन्न कृषि जनगणनाओं के दौरान देश में कृषि क्षेत्र के संचालन और प्रबंधन में महिला परिचालन धारकों का बढ़ता प्रतिशत महिलाओं की अधिक भागीदारी का संकेत देता है। कृषि क्षेत्र में स्व-रोज़गार, अवैतनिक सहायता या मजदूरी श्रमिक के रूप में काम करने वाली महिलाओं का अनुपात अधिक है। विश्व स्तर पर, अनुभवजन्य साक्ष्य हैं कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्थानीय कृषि-जैव विविधता के संरक्षण में महिलाओं की निर्णायक भूमिका है। इस दौरान मंत्री ने कार्यक्रम में लगी महिला समूहों के स्टॉलों का अवलोकन भी किया।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग सदस्य सचिव मीनाक्षी नेगी, अधिशासी निदेशक आर.डी.पालीवाल, राष्ट्रीय महिला आयोग समन्वयक सर्वेश पांडे, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, ऊमा जोशी सहित प्रदेश से आयी हुई महिलाएं मौजूद रहे।

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