धमतरी, 5 जून (हि.स.)।धमतरी जिले के वनांचल में बीते कुछ दिनों से एक हाथी गंगरेल डुबान के इर्द-गिर्द विचरण कर रहा है। कुछ दिन पहले बालोद जिले की ओर रवाना हुआ यह हाथी पानी की तलाश में डुबान क्षेत्र में लौट आया है। इसके लौटने से वनांचल के रहवासी दहशत में हैं, बहरहाल धमतरी परिक्षेत्र का निगरानी दल दंतैल पर नजर रखा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि 14 मई को एक दंतैल (कोड़नेम एम-3) ने पैरी नदी पारकर धमतरी वनमंडल में प्रवेश किया। उत्तर सिंगपुर, केरेगांव परिक्षेत्र होते हुए 16 मई को गंगरेल डुबान पहुंच गया। 20 मई तक डुबान क्षत्र में विचरण करने के बाद 21 मई को राजाराव पठार के पास एचएच 30 कोपारकर बालोद वनमंडल की ओर चला गया। 10 दिन बालोद की तरफ विचरण करने के बाद 1 जून को बालोद-धमतरी सीमा के गांव में वापसी की। तब से गंगरेल डुबान क्षेत्र में दंतैल की मौजूदगी हैं।
डिप्टी रेंजर राकेश तिवारी ने बताया कि पांच दिनों से एक हाथी गंगरेल डुबान क्षेत्र में मौजूद है। 4 जून को सुबह आठ बजे मालगांव के जंगल कक्ष क्रमांक 212 में देखा गया। हाथी द्वारा फसल, जान माल की कोई हानि नहीं पहुंची है। डुबान क्षेत्र के ग्राम मालगांव, पंडरीपानी, कोलियारी, तिर्रा, अकलाडोंगरी, माटेगहन, कोहका, चिखली, कोड़ेगांव, रैयत, कोड़ेगांव (बी), मोंगरागहन, भिड़ावर, बारगरी, लिमाहीपार, खम्हेश्री, पटेलगुड़ा, पहरैया कोना, अरौद, परौद, हरफर, बरबांधा, सिलतरा, कलारबहरा, उरपुटी आदि गांवों में मुनादी कर लोगों को हाथी से सतर्क किया गया है।
जानकारी के अनुसार इन दिनों सिकासेर हाथी दल के से 45 सदस्य रिसगांव परिक्षेत्र 40 में मौजूद हैं। आमझर, एकावारी, मुहुकोट, साल्हेभाट, खल्लारी, जोगीबिरदो आदि गांव को अलर्ट किया गया है। मंगलवार को सिकासेर दल की मौजूदगी एकावरी और बहीगांव कक्ष क्र. 307 में रही। हाथी से फसल तथा जनधन हानि नहीं हुई है। विभाग ने वनांचल के रहवासियों को जंगल में न जाने की सलाह दी है।