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जिलाधिकारी कानपुर देहात फिर विवादों में आईं

कानपुर देहात, 05 अप्रैल। जनपद की जिलाधिकारी के बेटे के जन्मदिन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें बर्थडे केक में हिन्दू धर्म के भगवान की तस्वीर बनी है और उस केक को काटा गया है। केक काटते वीडियो वायरल हुआ तो हिन्दू संगठन के लोगों ने इसका विरोध जताया। आरोप है कि शिकायत करने वाले पर भी अधिकारी के द्वारा दबाव बनाया गया। फिलहाल मामले के तूल पकड़ता देख जिलाधिकारी ने लिखित माफी मांगी है। कानपुर देहात जनपद की जिलाधिकारी नेहा जैन बीते कुछ समय से किसी न किसी मामले में विवादों में आती रही हैं। एक बार फिर एक वीडियो के माध्यम से वह सुर्खियों में हैं। इस बार उनके बेटे के जन्मदिन का वायरल वीडियो को लेकर वह घिर गई हैं। वायरल वीडियो में जो केक काटा जा रहा है उस पर भगवान शिव की तांडव करती तस्वीर अंकित है। केक में भोलेनाथ का त्रिशूल भी बना है और ओम भी लिखा है जिसको जिलाधिकारी नेहा जैन अपने बच्चे के जम्मदिन पर कटवा रहीं हैं। सोशल मीडिया पर जब यह वीडियो वायरल हुआ तो हिन्दू धर्म से जुड़े तमाम लोगों की आस्था आहत हुयी। जिस पर विश्व हिंदू परिषद के जिला गौ रक्षा प्रमुख ने विरोध दर्ज किया कि एक गरिमावान पद पर होने के बावजूद जिले की सर्वोच्च अधिकारी द्वारा हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान किया जाना निंदनीय है। आरोप यह भी है कि इसके बाद गौरक्षा प्रमुख को बुलाया गया, उसका फोन छीन लिया गया, उसके साथ अभद्र व्यवहार किया गया और छह घंटे तक उन्हें कैम्प कार्यालय में नजरबंद कर रखा गया। मामला जब तूल पकड़ने लगा तो जिलाधिकारी नेहा जैन ने एक पत्र जारी कर दिया जिसमें फ़िल्म ब्रह्मास्त्र का हवाला दिया गया। ब्रह्मास्त्र फ़िल्म में शिव जी को सुपर हीरो बताया और हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीर अंकित केक को काटने को लेकर बुराई पर अच्छाई की जीत बताया। इसके बाद ये भी कहा किसी भी शख्स की भावना आहत करने का उद्देश्य उनका नहीं था। बावजूद इसके अगर किसी के धर्म और आस्था को ठेस पहुचंती है तो उन्हें क्षमा करें। उन्होंने व्यक्तिगत समारोह का हवाला दिया। इस बाबत वरिष्ठ अधिवक्ता जितेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि अगर बर्थडे केक पर हिन्दू देवी-देवताओं की फोटो अंकित है और केक काटा गया है तो यह निर्भर करता है कि किस आशय से ऐसा किया गया है। अगर केक काटने का आशय गलत था तो सीआरपीसी की धारा 295 ए के तहत कानूनी कार्यवाही बनती है और सजा का प्रावधान भी है। लेकिन अगर उनका आशय गलत नहीं है तो इसमें कोई सजा का प्रावधान नहीं है।
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