नोएडा, गौतम बुद्ध नगर, 30 अक्टूबर (हि.स.)। नोएडा के सलारपुर गांव में 80 वर्षीय बुजुर्ग की 14 बीघा जमीन ( कीमत लगभग 80 करोड़ रुपये ) के फर्जी दस्तावेज बनाकर अवैध रूप से रजिस्ट्री कराने के आरोप में शराब कारोबारी वाडिया बंधुओं समेत 30 लोगों के खिलाफ थाना सेक्टर 49 में बीती रात मुकदमा दर्ज हुआ है। वाडिया बंधुओं समेत तीस लोगों पर फर्जीवाड़ा कर भूमि पर कब्जा करने के प्रयास का आरोप लगा है। इनके खिलाफ गोरखपुर निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग ने अदालत के आदेश पर सेक्टर-49 थाने में मुकदमा दर्ज कराया। उनका आरोप है कि सलारपुर गांव में उनकी 14 बीघा जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर अवैध तरीके से रजिस्ट्री करा दी गई। इस जमीन की कीमत 80 करोड़ रुपये से अधिक है।
पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह के मीडिया प्रभारी ने बताया कि गोरखपुर के राजेंद्र नगर स्थित फुलवारी हाउस निवासी पवन जिंदल ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। उन्होंने आरोप लगाया है कि नोएडा के गांव सलारपुर में 26 अगस्त 1985 को 14 बीघा जमीन खरीदी थी। इसी खसरा नंबर पर कुछ जमीन वाडिया परिवार की थी। 10 मई 2016 को उन्हें पता चला कि एक आरोपी सुरेश कुमार गोयल ने उनकी जमीन की फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी गोरखपुर में सबरजिस्ट्रार कार्यालय में दिखाई। इसके आधार पर तहसीलदार का फर्जी आदेश दिखाकर म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) करा लिया। उन्होंने आरटीआई से जानकारी मांगी तो खुलासा हुआ कि राजस्व दस्तावेजों में जिस पत्रावली संख्या और आदेश के आधार पर म्यूटेशन किया गया, ऐसा कोई रिकॉर्ड जिलाधिकारी कार्यालय में नहीं है। न ही ऐसा कोई आदेश जारी किया गया। 15 सितंबर 2017 को तहसीलदार ने इस फर्जी म्यूटेशन को रद्द कर सरकारी दस्तावेजों में यह जमीन फिर से उन्हीं के नाम चढ़ा दी। इसी बीच जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर दी गई।
उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता पवन जिंदल को जानकारी करने पर पता चला कि उनके नाम से किसी अन्य व्यक्ति को सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में खड़ा कर 16 मई 1989 को एक फर्जी मुख्तयारनामा किया गया। इसके बाद उन्होंने गोरखपुर न्यायालय में एक याचिका दायर की। उसके साथ अपने अंगूठों की छाप भी दाखिल की। रजिस्ट्री दफ्तर में दर्ज रिकॉर्ड भी दिया। इसके मिलान पर स्पष्ट हो गया कि यह कागज फर्जी हैं और अंगूठों के निशान उनके नहीं हैं। पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले में नामजद किए गए आरोपी चंडीगढ़, पटियाला, दिल्ली, शामली, गाजियाबाद और नोएडा के रहने वाले हैं।
उन्होंने बताया कि जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है उनमें प्रमुख रूप से अनिल वाडिया, अशोक वाडिया, जय भगवान चौहान, सुरेश कुमार गोयल, डॉ. जगमोहन गोयल, मदनलाल, नरेश कुमार, केवल कृष्ण, सुभाष चंद, बिहारी लाल, रजत मदान, निशांत मदान, सतीश कुमार मदान, सुरेंद्र कुमार मदान, मंजू बंसल, रंजन गुप्ता, सौरभ मित्तल, लक्ष्मी देवी, संतोष कुमारी, मनुज चौहान, कृष्ण मित्तल, प्रदीप कुमार गुप्ता, राजेश कुमार गुप्ता, सुमन लता, अलका गुप्ता, कलीम, मुनेन्द्र चौहान, नरेश उर्फ सलीम और राहुल कसाना आदि शामिल है।
इस मुकदमे में नामजद 30 आरोपियों में दो नाम वे भी शामिल हैं, जिन्हें नोएडा प्राधिकरण ने भूमाफिया घोषित कराने के लिए उनका पूरा रिकॉर्ड जिला प्रशासन को भेजा है। पूर्व में नोएडा प्राधिकरण ने इस सूची को सार्वजनिक कर लोगों से अपील की है कि उनसे किसी तरह की जमीनों की कोई खरीद-फरोख्त न की जाए। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता के मुताबिक, आरोपी सुरेश कुमार गोयल ने साजिश कर चंडीगढ़ के डॉ. जगमोहन गोयल के परिवारजनों और दिल्ली के सुभाषचंद के नाम जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर दी। कागजों में इस संपत्ति को शोलापुर गांव की दर्शाया गया। जबकि इस नाम का यहां पर गांव नहीं है। यह संपत्ति सलारपुर गांव में है। इसके अलावा फर्जी जीपीए के आधार पर भी कुछ बैनामे किए गए। उन्होंने आरोप लगाया है कि सलारपुर गांव में स्थित उनके अन्य जमीन के भी बैनामे कर उस पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। इसमें नोएडा में सक्रिय की और भूमाफिया भी उनके साथ हैं।