पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने कहा है कि 5 अक्टूबर से शुरू होने वाले आईसीसी विश्व कप में ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या की गेंदबाजी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि 2011 संस्करण में भारत की जीत इसलिए हुई क्योंकि जरूरत पड़ने पर सुरेश रैना और युवराज सिंह जैसे बल्लेबाजों ने बेहतरीन गेंदबाजी की।
टीम इंडिया में एक ऑलराउंडर के रूप में हार्दिक पांड्या की भूमिका के बारे में मांजरेकर ने 'फॉलो द ब्लूज़' पर स्टार स्पोर्ट्स से विशेष बातचीत की।उन्होंने कहा, "हार्दिक की गेंदबाजी फॉर्म थोड़ी चिंता का विषय है, उनकी आपको विश्व कप में बहुत अधिक शारीरिक मेहनत करनी होगी क्योंकि आपको उन्हें सिर्फ एक बल्लेबाज नहीं बल्कि एक ऑलराउंडर के रूप में जाना जाता है, इसलिए प्रति पारी कम से कम 6-7 ओवर फेंकने की उनसे अपेक्षा की जाती है। जब भारत ने 2011 में विश्व जीता था, तो यह सुरेश रैना और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ियों की बदौलत था, जिन्होंने बल्लेबाजी के अलावा थोड़ी गेंदबाजी की थी, इसलिए हार्दिक की गेंदबाजी बहुत महत्वपूर्ण है।"
इस साल 11 वनडे मैचों में हार्दिक ने 34.10 की औसत से 10 विकेट लिए हैं, जिसमें 3/44 का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन है। 10 वनडे पारियों में उन्होंने 31.11 की औसत और 97.22 की स्ट्राइक रेट से दो अर्धशतकों के साथ 280 रन बनाए हैं।
मांजरेकर ने इस पर भी अपनी राय साझा की कि क्या सूर्यकुमार यादव को आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप 2023 में खेलना चाहिए या नहीं, उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि ज्यादातर मुद्दे इस बात को लेकर हैं कि सूर्या काफी अच्छी फॉर्म में है। भारत को निश्चित रूप से सूर्यकुमार यादव मामले पर विचार करना होगा क्योंकि 50 ओवरों के क्रिकेट में वह उतना प्रभाव नहीं डाल रहे हैं, लेकिन जब पारी में सिर्फ 15-17 ओवर बचे हैं तो वह एक बड़े मंच पर बड़ा खिलाड़ी साबित हो सकते हैं। इसलिए भारत को जरूरत है यह तय करने के की कि वे सूर्यकुमार यादव को चाहते हैं या नहीं।''
सूर्यकुमार की 360-डिग्री बल्लेबाजी ने उन्हें टी20ई में बहुत प्रशंसा और सफलता दिलाई है। 53 टी-20 अंतरराष्ट्रीय की 50 पारियों में उन्होंने 46.02 के औसत और 172 से अधिक की स्ट्राइक रेट से 1,841 रन बनाए हैं। उन्होंने 117 के सर्वश्रेष्ठ स्कोर के साथ तीन शतक और 15 अर्धशतक बनाए हैं।
हालांकि 26 एकदिवसीय मैचों की 24 पारियों में, वह 24.33 की औसत से दो अर्धशतकों के साथ सिर्फ 511 रन बना सके हैं। दिलचस्प बात यह है कि सूर्यकुमार को वनडे क्रिकेट में दमदार शुरुआत मिली है। अपनी पहली छह पारियों में उन्होंने 65.25 की औसत से दो अर्धशतकों के साथ 261 रन बनाए। उनका आखिरी अर्धशतक फरवरी 2022 में वेस्टइंडीज के खिलाफ था। लेकिन इसके बाद से वह खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं। अपने आखिरी अर्धशतक के बाद से 18 पारियों में उन्होंने 14.70 की औसत से सिर्फ 250 रन बनाए हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 35 है। इसमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार तीन गोल्डन डक भी शामिल है।
मांजरेकर ने टीम इंडिया में स्पिन विभाग के महत्व पर भी प्रकाश डाला, उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि स्पिन विभाग में चहल को 50 ओवर के प्रारूप में कुलदीप यादव के साथ महत्वपूर्ण विकेट हासिल करने के लिए मौके की जरूरत है क्योंकि जडेजा आपके नियंत्रण गेंदबाज होंगे। मुझे लगता है कि भारत में पिचों और मैदानों के आकार को देखते हुए सभी टीमों के लिए स्पिन विभाग हमेशा एक जुए जैसा रहेगा।"