मुंबई, 3 अप्रैल। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि महाविकास आघाड़ी इस समय अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। इसलिए उसे जगह-जगह मिलकर सभा का आयोजन करना पड़ रहा है। रविवार को छत्रपति संभाजीनगर में महाविकास अघाड़ी की सभा से भाजपा पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
चंद्रकांत पाटिल ने सोमवार को पुणे में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि महाविकास आघाड़ी के गठबंधन दलों में अंदरुनी वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। इसलिए महाविकास आघाड़ी के नेता किसी तरह इसे वर्ष 2024 तक टिकाए रखना चाहते हैं। हालांकि महाविकास आघाड़ी के तीनों सहयोगी दलों में एकदूसरे को पछाडऩे की स्पर्धा भी लगी है। पाटिल ने कहा कि यह भाजपा के लिए बहुत ही लाभदायक है। आगामी चुनाव में भाजपा के समक्ष महाविकास आघाड़ी टिकने वाली नहीं है। हालांकि सभा करना हर पार्टी का अधिकार है, इसलिए महाविकास आघाड़ी के नेता सभा कर रहे हैं।
मंत्री पाटिल ने कहा कि इस समय प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री को लेकर देश में काफी बयानबाजी दी जा रही है।उन्होंने कहा कि देश में कुछ राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संकेत हैं। सभी दलों के नेताओं को इन संकेतों का पालन करना चाहिए, लेकिन इन संकेतों का पालन नहीं किया जा रहा है। अगर विपक्ष को प्रधानमंत्री की डिग्री का मुद्दा ही चलाना है तो इससे हमारी सेहत पर कोई असर नहीं पडऩे वाला है। हां, इससे विपक्ष को ही नुकसान होने वाला है। इसका कारण देश की जनता किसी भी तरह प्रधानमंत्री के विरोध में कहीं गई बात मानने को तैयार नहीं है।