गैलेंट्री अवार्ड पाने वाले सैनिकों को निशुल्क मिलेगा आवासीय भूखंड
झुंझुनू, 20 मार्च (हि.स.)। सेना में देश के दुश्मनों के खिलाफ अदम्य साहस एवं बहादुरी दिखाते हुए गैलेंट्री अवार्ड प्राप्त करने वाले राजस्थान के मूल निवासी सैनिकों को राज्य सरकार ने बड़ा सम्मान दिया है। अब इनको राज्य सरकार की ओर से 220 वर्गमीटर का आवासीय भूखंड निशुल्क दिया जाएगा। दुश्मनों के खिलाफ बहादुरी से लड़ते हुए अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वालों को सेना की ओर से कई तरह के मैडल दिए जाते हैं। जिसमें परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्तिचक्र, वीर चक्र, शौर्य चक्र हैं। इन गैलेंट्री अवार्ड धारक सैनिकों की बहादुरी को सलाम करते हुए राज्य सरकार ने कई सुविधाएं दी हैं।
गैलेंट्री अवार्ड धारकों को सरकार ने नकद राशि व आवास तक अवार्ड के रूप में दिए जाते हैं। अब तक दिए जाने वाले आवासीय भूखंड पर रिजर्व प्राइज का 50 प्रतिशत देना होता था। अब राज्य सरकार ने इसमें बदलाव किया है। 20 फरवरी 2023 के बाद गैलेंट्री अवार्ड लेने वाले राजस्थान के मूल निवासी सैनिकों को आवासीय भूखंड के बदले अब रिजर्व प्राइज की 50 प्रतिशत राशि भी नहीं देनी पड़ेगी। अब राजस्थान के गैलेंट्री अवार्ड धारक सैनिकों को राज्य सरकार की ओर से 220 वर्गमीटर आवासीय भूखंड निशुल्क दिया जाएगा। इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। सैनिक कल्याण बोर्ड के डायरेक्टर ने इसके आदेश जारी किए हैं। यानी 20 फरवरी से जिस फौजी को गैलेंट्री अवार्ड मिलेगा उसे भूखंड के लिए शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
राजस्थान एक्ससर्विसमैन लीग के प्रदेशाध्यक्ष रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सतपाल कटेवा का कहना है कि गैलेंट्री अवार्ड धारकों को प्लाट आबंटन में दी जाने वाली छूट में सरकार ने परिवर्तन किया है। इससे सैनिकों को फायदा होगा। झुंझुनू जिले के 200 से अधिक जवान गैलेंट्री अवार्ड जीत चुके हैं। 1948 में कश्मीर के टीथवाल क्षेत्र में दुश्मनों को खदेड़ते हुए शहीद हुए बेरी निवासी हवलदार मेजर मेजर पीरू सिंह शेखावत को उनकी बहादुरी के लिए सेना का सबसे बड़ा पुरस्कार परमवीर चक्र मिला था। इसी तरह जिले के बहुत से जवान वीर चक्र, शौर्य चक्र, कीर्ति चक्र समेत अनेक मैडल जीत चुके हैं।
गैलेंट्री अवार्ड धारक सैनिकों को रोडवेज में फ्री यात्रा की सुविधा दी जा रही है। नकद राशि भी दी जा रही है। शौर्य चक्र विजेता को 8.25 लाख रुपये नकद दिए जाते हैं। देश रक्षा में शेखावाटी के सर्वाधिक सैनिक हैं। यहां के सैनिकों ने सबसे अधिक शहादत दी है। अकेले झुंझुनू जिले में 55 हजार से अधिक सैनिक व पूर्व सैनिक हैं। देश में सर्वाधिक शहादत भी झुंझुनू जिले के जवानों ने दी हैं।