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विश्व हाईपरटेंशन डे: हाईपरटेंशन के लगातार बढ़ रहे मामले, न बरतें लापरवाही

जालौन, 17 मई (हि.स.)। जिला अस्पताल की गैर संचारी रोग (एनसीडी) सेल में इलाज के लिए आए एक 32 साल के युवक ने डाक्टर को बताया कि सिर में भारीपन रहता है। नींद भी ठीक से नहीं आती है। बेचैनी सी रहती है। जांच कराई गई तो पाया गया कि उसे हाईपरटेंशन की समस्या है। एनसीडी सेल में आने वाले तीस फीसदी मरीज हाईपरटेंशन की समस्या से ग्रसित आ रहे हैं। डॉक्टर का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर बढ़ता है तो उसे सावधानी बरतनी की जरूरत है। इसे नियंत्रित करने के लिए खानपान और जीवनशैली में बदलाव की जरूरत होती है। हाई ब्लड प्रेशर को काबू में करने के लिए दवाइयों से ज्यादा दूसरे वैकल्पिक उपायों पर ध्यान देना चाहिए। नियमित योगासनों का अभ्यास भी उच्च रक्त चाप की समस्या को नियंत्रित कर सकता है। योग शरीर को फिट और मस्तिष्क को शांत करने में सहायक है। उन्होंने बताया कि ब्लड प्रेशर की सामान्य स्तर 120/80 है। इससे कम ज्यादा होने पर चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी गैर संचारी रोग डॉ वीरेंद्र सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि मरीज को हाईपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उच्च रक्तचाप रोगियों को हृदय रोग व स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। यह ऐसी बीमारी है, जिसमें शुरुआत में कोई खास लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन इसके प्रति जागरूक रहना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है, जिसमें लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जाता है। 17 मई को सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर हाईपरटेंशन दिवस मनाया जाएगा। इसके अंर्तगत रक्तचाप, मधुमेह के प्रति जागरुकता, बचाव के लिए कार्यक्रम होंगे। साथ ही जांच और स्क्रीनिंग भी की जाएगी।
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