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बनाना फेस्टिवलः महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए बुरहानपुर जिले में अच्छे प्रयास

बुरहानपुर में आकर बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। मैंने सोचा नहीं था कि बुरहानपुर जिले में भी इतनी बड़ी-बड़ी यूनिट बनाना पर कार्य कर रही है। यह बात तमिलनाडु से आये प्रिंसीपल वैज्ञानिक सुरेश ने कही। वे बताते है कि हम एनआरसीबी में काम कर रहे है। हमने यह सोचा था कि, हमें बुरहानपुर बनाना फेस्टिवल में सीखाने जाना है। बल्कि बहुत कुछ हम भी यहां से सीखकर जा रहे है। बनाना फाईबर फील्ड में बहुत अच्छा काम हो रहा है। इसके लिए मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। बनाना फेस्टिवल मेरे लिए एक अच्छा एक्सपिरियंस रहा। उन्होंने कार्यक्रम एवं व्यवस्थाओं के लिए भी हर्ष जाहिर किया है। वहीं बनाना फेस्टिवल-2024 के सहभागी देवेश बताते है कि, बनाना प्रोसेसिंग यूनिट को नजदीक से देखने का यह मेरा पहला अनुभव है। यह अनुभव मेरे लिये नया एवं खास रहा। मैंने देखा कि, यूनिट में कैसे बेहतर तरीके से महिलायें कार्य कर रही है, बुरहानपुर में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है, इससे आने वाले समय में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। मैं जिले से जुड़कर इस क्षेत्र में बेहतर कार्य करने का प्रयास करना चाहता हूँ। बनाना फेस्टिवल के कार्यक्रमों की श्रृंखला में अन्य राज्यों से आये विषय-विशेषज्ञों, निर्यातकों एवं विभिन्न संस्थाओं के प्रमुखों को फील्ड विजिट भी कराई गई। इस अवसर पर अतिथियों ने सुखपुरी स्थित बनाना प्रोसेसिंग यूनिट एवं सामुदायिक भवन दर्यापुर में केले के रेशे से निर्मित उत्पादों के संबंध में दिये जा रहे प्रशिक्षण का अवलोकन करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमनें कभी सोचा नहीं था कि बुरहानपुर जिले में केले के रेशे से भांति-भांति के इतने आकर्षक उत्पाद बनाये जा रहे है।
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