जयपुर, 18 मई (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने चेक बाउंस से जुड़े एक मामले में कहा है कि कोई व्यक्ति यह कहकर नहीं बच सकता कि उसने कोई कर्जा या उधारी नहीं ली है, यदि चेक बाउंस हुआ है तो कार्रवाई भी होगी। वहीं अदालत ने मामले में ट्रायल कर रही कोर्ट को भी इसे जल्द पूरी करने का निर्देश दिया है। जस्टिस अनिल उपमन ने यह निर्देश शालीवान सिंह राठौड़ की याचिका को खारिज करते हुए दिया।
अदालत ने कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि प्रार्थी ने शिकायतकर्ता को चेक जारी किया था और उस पर तारीख नहीं थी। लेकिन वह बाउंस हुआ है तो मामले में कार्रवाई भी होगी। याचिका में ट्रायल कोर्ट में चल रही आपराधिक कार्रवाई को रद्द करने का आग्रह करते हुए कहा कि यह मामला चेक बाउंस का नहीं है। उसने तो शिकायकर्ता को चेक अमानत के लिए दिए थे और काेई राशि उधार नहीं ली है। इसलिए ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई रद्द की जाए। जिस पर अदालत ने कहा कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के साथ सोच समझकर करार किया था और चेक दिए थे। ऐसे में मामले में यह कहकर अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकते कि कोई कर्जा या उधारी नहीं ली थी।