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जम्मू के टाडा कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हुआ यासीन मलिक

जम्मू, 19 अक्टूबर (हि.स.)। अलगाववादी नेता यासीन मलिक को बुधवार को जम्मू के टाडा कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं किया गया। यासीन मलिक को 1990 में वायुसेना के चार कर्मियों की हत्या के मामले में पेश किया जाना था। तिहाड़ जेल प्रशासन ने यासीन मलिक को जम्मू न भेजने की हाईकोर्ट से अपील की थी जिसे हाईकोर्ट द्वारा मंजूर कर लिया गया।

हालांकि बुधवार को यासीन मलिक व्यक्तिगत तौर पर मौजूद न रहते हुए भी वर्चुअल मोड पर कोर्ट में पेश हुआ। एक अन्य गवाह बीके शर्मा को कोर्ट में पेश किया गया। बीके शर्मा ने यासीन को पहले ही इस मामले में पहचान लिया था जबकि आज आमने-सामने क्रॉस एग्जामिनेशन हुई। अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी।

वहीं, तिहाड़ जेल प्रशासन द्वारा व्यक्तिगत रूप से यासीन मलिक को कोर्ट न पेश किए जाने के लिए कहना था कि यासीन मलिक उम्रकैद की सजा काट रहा है और उसे अभी दिल्ली से बाहर नहीं भेजा जा सकता है। इस अपील को हाईकोर्ट ने मान लिया है।

उल्लेखनीय है कि यासीन को एनआईए की विशेष अदालत ने इस साल 25 मई को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उस पर कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए फंडिंग और आतंकियों को हथियार मुहैया कराने से जुड़े कई केस दर्ज थे। यासीन को दो मामलों में उम्रकैद और 10 मामलों में 10 साल सजा सुनाई गई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

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