नई दिल्ली, 6 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्य सभा में फसलों पर एमएसपी और किसानों की कर्जमाफी समेत कई विषयों पर सवालों के जवाब देते हुए विपक्ष को जमकर घेरा।
इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए किसानों को एमएसपी देने से इनकार कर दिया था जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पिछले 10 वर्षों से एमएसपी में लगातार बढ़ोतरी कर रही है। शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की उपज एमएसपी पर खरीदती रहेगी। हमारी सरकार लागत पर 50 प्रतिशत से ज्यादा का मुनाफा जोड़कर एमएसपी तय करने के साथ ही किसानों से उपज भी खरीदेगी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार किसानों को लाभकारी मूल्य देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 2015 में इस मंत्रालय का नाम कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय रखा गया, इससे पहले किसान कल्याण का कोई संबंध ही नहीं था।
किसानों के लाड़ले
राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को नया नाम “किसानों के लाड़ले” दिया है। शुक्रवार को शिवराज सिंह चौहान राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कृषि संबंधी सवालों के जवाब दे रहे थे। इसी दौरान सभापति धनखड़ ने कहा कि जिस आदमी की पहचान देश में लाड़ली बहनों के भैया के नाम से है, अब वो किसान का लाड़ला भाई भी होगा। मैं पूरी तरह आशावान हूं कि ऊर्जावान मंत्री अपने नाम 'शिवराज' के अनुरूप ये करके दिखाएंगे। आज से मैंने आपका नामकरण कर दिया- किसानों के लाड़ले। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी सरकार 50 प्रतिशत से ज्यादा का एमएसपी तय भी करेगी और उपज खरीदेंगे भी। उन्होंने कहा कि यह नरेन्द्र मोदी की सरकार है, मोदी की गारंटी वादा पूरा करने की गारंटी है।
विपक्ष को घेरते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो उन्होंने रिकॉर्ड पर कहा था कि वो एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार नहीं कर सकते हैं। उपज की लागत से 50 प्रतिशत अधिक देने की बात पर पूर्व कृषि मंत्री कांतिलाल भूरिया व शरद पवार और के.वी. थॉमस ने कहा था कि ऐसा करने से बाजार विकृत हो जाएंगे। ये नहीं हो सकता है, ये कहकर इनकार कर दिया था। 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ही ये फैसला किया कि लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर एमएसपी की दरें तय की जाएंगी। जब कांग्रेस सरकार थी, तब कभी भी 50 प्रतिशत से ज्यादा लागत पर इन्होंने किसानों को लाभ नहीं दिया लेकिन हम कटिबद्ध हैं, प्रतिबद्ध हैं कि कम से कम 50 प्रतिशत से ज्यादा लाभ देकर किसानों की फसलें खरीदेंगे।
हम किसानों की आय बढ़ाने पर विश्वास रखते हैं । कृषि के लिए बजट आवंटन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। 2013-14 तक ये केवल 21 हजार 900 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 1 लाख 22 हजार 528 करोड़ रुपये हो गया है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हम न केवल फर्टिलाइजर उपलब्ध करवा रहे हैं, बल्कि सब्सिडी भी दे रहे हैं। पिछली बार किसानों को 1 लाख 94 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। तब जाकर यूरिया की बोरी हो, डीएपी की बोरी हो, ये किसानों को सस्ती मिलती है। 2100 रुपये की एक बोरी पर सब्सिडी देने का चमत्कार मोदी सरकार ने किया है और तमिलनाडु सहित सारे भारत के किसानों को सब्सिडी देकर हम फर्टिलाइजर समय पर उपलब्ध कराने का काम कर भी रहे हैं। ये आगे भी करते रहेंगे । केमिकल फर्टिलाइजर के असंतुलित और अंधाधुंध प्रयोग के कारण जो नुकसान होते हैं, उसके लिए भी हम जागरूकता पैदा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी उसके लिए भी चिंतित हैं। इसके लिए जैविक खेती और प्राकृतिक खेती की तरफ हम ध्यान दे रहे हैं। फिर मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहूंगा कि किसानों को सब्सिडी के साथ पूरी खाद देने में सरकार ने ना तो कोताही बरती है, ना ही आगे कभी बरतेगी, पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाएगी।