कोलकाता, 3 फरवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उत्तराधिकारी के तौर पर उभर रहे पार्टी के महासचिव और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी अब शनिवार को पश्चिम मेदिनीपुर के केशपुर में जनसभा करेंगे। पंचायत चुनाव और उसके बाद के लोकसभा चुनाव से पहले अभिषेक की जितनी भी जनसभाएं हो रही हैं उसकी जगह का चुनाव बहुत सोच-समझकर किया जा रहा है। खासकर ऐसी जगहें शामिल हैं जहां से तृणमूल कांग्रेस राजनीतिक तौर पर या तो मजबूत हुई या जहां से पार्टी का जनाधार बढ़ा। इन में से पश्चिम मेदिनीपुर की केशपुर महत्वपूर्ण जगह है। 90 के दशक के अंत में यहां तत्कालीन वाममोर्चा समर्थकों और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच हिंसक जंग लंबे समय तक चली थी। हालात कैसे थे इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खेतों में काम करने जाते समय तृणमूल कार्यकर्ता अपने साथ बंदूक और बम लेकर जाते थे और जब हमले हो तो वहीं से पलटवार शुरू कर देते थे। 1998 में तृणमूल की स्थापना के बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि केशपुर ही माकपा के लिए शेषपुर होगा। राज्य में जहां जहां सबसे अधिक तृणमूल ने माकपा को राजनीतिक तौर पर नुकसान पहुंचाया है उनमें से पश्चिम मेदिनीपुर की यह केशपुर जगह भी शामिल है। हालांकि उस समय शुभेंदु अधिकारी तृणमूल कांग्रेस में थे और ममता बनर्जी का जमकर साथ दिया था। अब शुभेंदु भाजपा में हैं और अभिषेक बनर्जी राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर राज्य भर में बड़े पैमाने पर जनसभाएं कर रहे हैं। ऐसे में शनिवार को होने वाली उनकी केशपुर की जनसभा बेहद खास है। माना जा रहा है कि उनके निशाने पर मुख्य रूप से शुभेंदु अधिकारी ही होंगे। जनसभा की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जगह-जगह पोस्टर लगे हैं जिसमें अभिषेक बनर्जी और ममता बनर्जी की तस्वीर है। किसी और नेता की फोटो नहीं लगाई गई है।