प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का पर्व है अन्नकूट महोत्सव : शास्त्री
हरिद्वार, 13 नवंबर (हि.स.)। श्री स्वामीनारायण आश्रम भूपतवाला में स्वामी हरि बल्लभ दास शास्त्री महाराज के सानिध्य में सैकड़ों गुजरातियों ने भगवान श्री स्वामीनारायण की पूजा अर्चना के साथ नववर्ष उत्साह व उमंग के साथ मनाया।
इस अवसर पर स्वामी हरि बल्लभ दास शास्त्री महाराज ने कहा कि गुजरातियों का नव वर्ष दीपावली से अगले दिन अंकूट पर्व से प्रारंभ होता है। उन्होंने कहा कि अन्नकूट का पर्व प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का पर्व है। उन्होंने अन्नकूट महोत्सव का महत्व बताते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने ग्वाल बालों के साथ गोवर्धन पर्वत की पूजा कर उन्हें प्रकृति पर्वत और नदियों का महत्व समझाया, क्योंकि यह शरीर पंचतत्व से बना है जिसमें यह पांचो तत्व समाहित है इनकी रक्षा करना इनका संवर्धन करना प्रत्येक प्राणी का कर्तव्य है।
अंन्नकूट महोत्सव के अंतर्गत भगवान श्री स्वामीनारायण को 56 भोग अर्पित किए गए। इस अवसर पर गुजरातियों ने गायन, नृत्य, भजन आदि के द्वारा श्री स्वामीनारायण भगवान की पूजा अर्चना की।
मुख्य अतिथि नगर निगम में उपनेता प्रतिपक्ष अनिरुद्ध भाटी ने कहा कि श्री स्वामीनारायण आश्रम भूपतवाला सेवा, सुमिरन और मानव सेवा का केंद्र है। जहां पर श्री स्वामीनारायण संप्रदाय वड़ताल गादी की परंपराओं का संरक्षण और संवर्धन आश्रम के संस्थापक श्री स्वामी हरि बल्लभ दास शास्त्री महाराज के सानिध्य एवं निर्देशन में हो रहा है।
कार्यक्रम में श्रद्धालु भक्तों को आश्रम के संचालक स्वामी आनंद स्वरुप शास्त्री, जेन्द्र शास्त्री, गंगासागर स्वामी आदि ने आशीर्वाद प्रदान किया।