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कोलकाता में ही छिपा था बेंगलुरु ब्लास्ट का एक और आतंकी, एनआईए ने ऐसे बिछाया था जाल

बेंगलुरु ब्लास्ट मामले में दो आतंकवादियों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तारी के बाद अब नया खुलासा किया है। जिसमें दावा किया गया है कि दो नहीं बल्कि एक अन्य तीसरा आतंकी मुजम्मिल शरीफ भी कोलकाता में छिपा था। ब्लास्ट के बाद वह कोलकाता भाग आया और बीच में जब चेन्नई गया तो गिरफ्तार कर लिया गया। अपनी गिरफ्तारी के बाद कोलकाता में छिपे दो अन्य आतंकी अब्दुल मथिन अहमद ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब को उसने मैसेज भेज कर कहा था कि कोलकाता सुरक्षित नहीं है इसलिए कहीं और भाग जाओ। जब तक वे दोनों भाग पाते, एनआईए ने पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों की पुलिस ने मिलकर दोनों को कांथी के न्यू दीघा से गिरफ्तार कर लिया। केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि न्यू दीघा जाने से पहले रामेश्वरम कैफे विस्फोट कांड के आरोपित ताहा और शाजिब कोलकाता में थे और कुछ दिनों तक धर्मतला के दो होटलों में रुके थे। जांच अधिकारियों को पता चला कि मुजम्मिल ने कोलकाता आकर उन्हें पैसे दिये थे। 28 मार्च को चेन्नई लौटने के बाद जब उसे एनआईए ने पकड़ा, तब तक ताहा और शाजिब धर्मतला के होटल से निकल चुके थे और एकबालपुर के एक गेस्ट हाउस में पहुंच गए थे। क्योंकि वे किसी भी स्थान पर अधिक समय तक नहीं टिकते थे। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, कोलकाता छोड़ने का आदेश मिलने के बाद वे सबसे पहले हावड़ा गये। हालांकि वे आसानी से धर्मतला से दीघा के लिए बस पकड़ सकते थे लेकिन उन्होंने हावड़ा को चुना। हावड़ा स्टेशन पर दोनों के पहुंचने के सीसीटीवी फुटेज एनआईए के हाथ लगे थे। उसी से अधिकारियों को पता चला कि वे दीघा गए हुए हैं और 28 मार्च से गिरफ्तारी तक कांथी, दीघा के होटलों में छिपे हुए थे। मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद जांचकर्ता पहले तो असमंजस में थे कि आखिर कोलकाता में आदेश किसके पास से आया था लेकिन बाद में उन्होंने पुष्टि की कि उन्होंने ''अल हिंद मॉड्यूल'' के किसी व्यक्ति के आदेश पर यह काम किया था। यह भी पता चला कि रांची से पश्चिम बंगाल में घुसने के दौरान पुरुलिया में दोनों ने एक फोन का इस्तेमाल किया था जो उन्हें स्थानीय मॉड्यूल से ही उपलब्ध करवाया गया था। अब पश्चिम बंगाल पुलिस इसकी जांच में जुट गई है।
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