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यरवदा जेल के कैदियों ने अंतरराष्ट्रीय शतरंज ओलंपियाड में जीता कांस्य पदक

पुणे, 11 जनवरी (हि.स.)। विश्व शतरंज महासंघ (फिडे) द्वारा आयोजित कैदियों के लिए अंतर महाद्वीपीय "आजादी के लिए शतरंज" ऑनलाइन चैंपियनशिप में भारत को कांस्य पदक हासिल हुआ है। यह पहला अवसर है जब भारतीय कैदियों की टीम ने किसी टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। इस विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में 46 देशों की 86 टीमों ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता के लिए भारतीय टीम को भारतीय तेल निगम (आईओसी) की "परिवर्तन- जेल से लेकर गौरव तक" पहल के तहत प्रोत्साहित किया गया। इस प्रतियोगिता को जेल बंदियों के लिए शतरंज ओलंपियाड की उपमा दी गई। भारतीय टीम में 6 सदस्य शामिल थे और इस टीम ने अल सल्वाडोर को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। फिलीपींस की टीम ने स्वर्ण पदक, जबकि कोलंबिया की टीम ने रजत पदक जीता। इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए इस महीने की शुरुआत में अखिल भारतीय अंतर कारागार शतरंज टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। इस टूर्नामेंट में 21 टीमों ने हिस्सा लिया था। आईओसी में ग्रैंडमास्टर अभिजीत कुंटे ने बताया बहुत से कैदी शतरंज के बहुत ही शानदार खिलाड़ी हैं। उनमें से कुछ तो शतरंज में शुरुआत करने वाले लोगों के लिए कोच भी बन सकते हैं। कुंटे के अनुसार प्रतियोगिता के लिए भारत की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के बीच से चयन किया जाना था। पुरुष वर्ग में पुणे की यरवदा जेल के कैदियों की टीम पहले स्थान पर रही। दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिला स्थित नैनी जेल की टीम रही। दिल्ली की तिहाड़ जेल से महिला और जुवेनाइल (किशोर) वर्ग की टीमें थी।
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