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विधायक ने विकास योजनाओं के शिलापट पर पूर्व सांसद का नाम अंकित करने पर जताई नाराजगी

छतरपुर-पाटन के पूर्व विधायक राधाकृष्ण किशोर ने छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न विकास योजनाओं के शिलापट में लोकसभा के बर्खास्त पूर्व सांसद मनोज कुमार का भी नाम अंकित करने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है।

मेदिनीनगर स्थित अपने आवास पर मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए किशोर ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र नियम कानून के अतिरिक्त लोक-लाज से भी चलता है। व्यवस्था में यदि लोक-लाज समाप्त हो जाए तो इससे संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव कमजोर हो जाएगी। किशोर ने कहा कि ऐसे ही कुछ छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। छतरपुर के ग्राम सुंगरी में पुलिया निर्माण का शिलान्यास पट पर लोकसभा से बर्खास्त सांसद मनोज कुमार का भी नाम अंकित है। इसी प्रखंड के ग्राम हुलसीखुर्द में विधायक कोटे से बनने वाले पीसीसी पथ के शिलापट पर भी बर्खास्त सांसद का नाम अंकित है। इसी तरह नौडीहा बाजार के सरईडीह पंचायत भवन के निर्माण कार्य के शिलापट पर भी बर्खास्त सांसद मनोज का नाम अंकित है।

उन्होंने कहा कि इन कार्यों की सरकारी एजेंसी जिला अभियंता, जिला परिषद और कार्यपालक अभियंता एनआरईपी पलामू है। दोनों एजेंसियों के द्वारा शिलापट पर बर्खास्त सांसद मनोज के नाम को अंकित करने से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकारी निर्माण एजेंसियां सुनियोजित तरीके एवं राजनैतिक रूप से सांसद मनोज को स्थापित करना चाहती है। यह जांच का विषय है।

उन्होंने सरकार के प्रधान सचिव, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के पत्र सं. 04/1064/2021 का हवाला देते हुए कहा कि इसमें यह स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि केन्द्र प्रायोजित तथा राज्य सरकार की योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री, विभागीय मंत्री, स्थानीय मंत्री, 20 सूत्री के प्रभारी मंत्री तथा स्थानीय विधायक के द्वारा संपन्न होगा। इस आशय का परिपत्र सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, उपायुक्त तथा पुलिस अधीक्षक को प्रेषित किया गया है। पत्र में यह कहीं उल्लेखित नहीं है कि शिलापट एवं उद्घाटन पट्टिका में पूर्व सांसद का नाम अंकित किया जाएगा।


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