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समाजसेवा की मिसाल बनी उत्तराखंड पुलिस

 पुलिस और समाज सेवा क्या ढूंढ रहे हो श्रीमान, सरदारों के मोहल्ले में नाई की दुकान। प्रख्यात हास्य कवि हुक्का बिजनौरी की इन पंक्तियों को उत्तराखंड पुलिस ने पूरी तरह झूठला दिया है। जी हां उत्तराखंड पुलिस समाजसेवा भरपूर करती है। इसका प्रमाण आंध्र प्रदेश से चार धाम यात्रा हेतु आयी महिला श्रद्धालुओं के एक दल की सेवा है।

यह महिला दल पुलिस उपमहानिरीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून से पुलिस कार्यालय में मिला। दल ने बताया गया कि उनके परिवार से 5 महिलाएं तथा एक पुरुष तेलंगाना से वैष्णो देवी की यात्रा पर गए थे। वैष्णो देवी में दर्शन करने के उपरांत वे सभी चार धाम यात्रा हेतु उत्तराखंड आए थे। गंगोत्री धाम के दर्शन करने के उपरांत बारिश अधिक होने के कारण वे सभी लोग आंध्र प्रदेश वापस जाने के लिए बस से देहरादून आ गए। परंतु देहरादून आने के उपरांत उनका बैग कही गुम हो गया। बैग में उनके आधार कार्ड, वापसी के टिकट, 35 हजार रुपये, मोबाइल तथा अन्य सामान था। वर्तमान में उनके पास वापस जाने के पैसे नहीं थे। उनमें से एक बुजुर्ग महिला की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें दून अस्पताल ले जाया गया। एसएसपी ने तत्काल एक पुलिसकर्मी को उक्त बुजुर्ग महिला के इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु दून अस्पताल भिजवाया। उक्त श्रद्धालुओं के देहरादून से दिल्ली जाने के लिए वाहन की व्यवस्था की गई। दिल्ली से तेलंगाना के लिए रेलवे टिकट की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया गया। श्रद्धालुओं के मार्ग में खाने-पीने व अन्य व्यय के लिए उक्त महिला श्रद्धालुओं को नकद धनराशि देते हुए उनकी सहायता की गयी।

पुलिस से मिली त्वरित सहायता से भावुक होते हुए उक्त महिला श्रद्धालुओं द्वारा पुलिस उपमहानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का आभार व्यक्त किया गया। तीर्थ यात्री दल ने उत्तराखंड पुलिस की कार्यशैली की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।


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