गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के गैर शिक्षक कर्मचारी कल्याण संघ ने गैर शिक्षक कर्मचारियों की मांगों को हल करवाने में मौजूदा परिस्थितियों में आ रही समस्याओं पर चिंता जताई है। इसके साथ ही संगठन ने अन्य मांगों पर भी विचार-विमर्श किया है। इस संबंध में संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकारिणी समिति के सदस्यों की बैठक शनिवार को संघ कार्यालय में हुई। बैठक की अध्यक्षता संघ के प्रधान रामनिवास वर्मा ने की।
बैठक में सभी सदस्यों ने एक मत से कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पिछले दो माह में भारी मात्रा में जो तबादले किए है, उससे विभिन्न विभागों व ब्रांचों में कार्य प्रभावित हो रहा है। इससे अधिकारियों व कर्मचारियों में काफी रोष है। संघ के प्रधान ने बताया कि कुछ तबादले ऐसे किए गए हैं जो बिल्कुल ही न्यायसंगत नहीं है। उनको रद्द करने के लिए प्रशासन से बात की गई थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, उन्हें तत्काल रद्द किया जाए।
विश्वविद्यालय के तीन अधिकारियों को लंबे समय से सस्पेंड किया हुआ है, उनकी बहाली के लिए भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, उन्हें तत्काल बहाल किया जाए। जिन 49 कर्मचारियों को सरकार की केवल अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर रिवर्सन करने बारे शयो काज नोटिस दिये गये हैं, उन्हें तत्काल वापिस लिया जाए। सरकार को इस बारे में पूरे तथ्यों के साथ पत्राचार किया जाए। क्योंकि इनमें से ज्यादातर कर्मचारियों की सेलरी खाली पदों के विरुद्ध पहले से ही विश्वविद्यालय द्वारा फिक्स की जा चुकी है। राज्य सरकार से नियुक्त ज्वाइंट डायरेक्टर ऑडिट द्वारा खाली पदों के विरुद्ध सैलरी काफी समय पहले ही स्वीकृत की जा चुकी है। इस अवसर पर संघ के महासचिव पुनीत खुराना, उपप्रधान सुनील शर्मा, सह सचिव शमशेर सिंह, सचिव ओमप्रकाश दहिया, कोषाध्यक्ष उदय सिंह, कार्यकारिणी परिषद के सदस्य सुनीता रोहिला, रवि लांबा, सुनीता मलिक, विनोद वर्मा, अतुल चौपड़ा, भारत भूषण व सुमन भोला इत्यादि उपस्थित रहे।