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आईएसएफ विधायक की जेल हिरासत की अवधि बढ़ने से भांगड़ में बढ़ा तनाव

कोलकाता, 2 फरवरी(हि.स.)। इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) विधायक नौशाद सिद्दीकी की जेल हिरासत बढ़ने से भांगड़ में तनाव का माहौल व्याप्त हो गया है। ऐसे में गुरुवार को पुलिस प्रशासन ने भांगड़ और उसके आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करते हुए पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। आईएसएफ समर्थकों और कार्यकर्ताओं पर पुलिस की पैनी नजर बनी हुई है। विधायक नौशाद सिद्दीकी की रिहाई के मद्देनजर इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) ने शांति मार्च में चेतावनी दी कि अगर विधायक को समय पर रिहा नहीं किया गया तो ''बड़ा आंदोलन'' होगा। वह समय गुरुवार को समाप्त हो रहा है। आईएसएफ नेता और भांगड़ विधायक नौशाद सिद्दीकी को बैंकशाल कोर्ट के आदेश पर अगले 13 दिनों तक जेल में रहना होगा। कुछ घंटे पहले आए इस आदेश के बाद से ही भांगड़ में दहशत का माहौल है। तृणमूल नेता अरबुल इस्लाम के साथ हुई हाथापाई और उसके बाद पार्टी कार्यालय में हुई तोड़फोड़ के विरोध में आईएसएफ ने 21 जनवरी को धर्मतला में विरोध प्रदर्शन किया। भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों पर राज्य के खिलाफ शिकायत करने वाले भांगड़ के विधायक नौशाद सिद्दीकी के नेतृत्व में कोलकाता की सड़कों पर धरना शुरू हो गया। पुलिस ने उस कार्यक्रम में पुलिस पर हमला करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत कई आरोपों में नौशाद समेत 19 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से समर्थक आईएसएफ विधायक की रिहाई की मांग कर रहे है। हाल ही में उन्होंने कोलकाता की सड़कों पर शांति मार्च भी निकाला था। उसी दिन आईएसएफ समर्थकों ने ऐलान किया कि अगर नौशाद को दो फरवरी तक रिहा नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। बुधवार एक फरवरी को हालांकि बैंकशाल कोर्ट ने बताया कि आईएसएफ विधायक व अन्य आरोपी 15 फरवरी तक जेल में रहेंगे। स्वाभाविक रूप से गुरुवार को यह सवाल खड़ा हुआ कि इसके बाद आईएसएफ नेता की रिहाई की मांग को लेकर आंदोलन कैसे शुरू करने जा रहा है। आईएसएफ की ओर से पार्टी नेता लक्ष्मी हांसदा ने कहा कि अभी तक फैसला नहीं हुआ है। हालांकि, आईएसएफ का शीर्ष नेतृत्व इस पर चर्चा कर रहा है। फिलहाल गुरुवार को शाम चार बजे बेगमपुर, आरामबाग व पुरशुरा में धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम है। बाकी की घोषणा बाद में की जाएगी। हालांकि भांगड़ के स्थानीय सूत्रों के मुताबिक विधायक के 15 दिन की जेल हिरासत से कार्यकर्ता-समर्थक गुस्से से आग बबूला हैं। वे कैमरे के सामने कुछ नहीं बोले, लेकिन उनका कहना था कि सत्ता पक्ष ने उनके विधायक को झूठे आरोप में फंसाया है। राजनीतिक रूप से लड़ने में असमर्थ सत्ता पक्ष ने नौशाद को झूठा मुकदमा बनाकर जेल में बंद कर दिया है। हालांकि दहशत के इस माहौल में पुलिस की गश्त जारी है। कभी केएलसी थाने से तो कभी काशीपुर थाने से तो कभी लालबाजार से भांगड़ में जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। यह भी बताया गया है कि आईएसएफ के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है या गिरफ्तार किया गया है। आईएसएफ समर्थकों की शिकायत है कि पुलिस कार्रवाई की वजह से कई आईएसएफ कार्यकर्ता-समर्थक और नेता भांगड़ में अपने घरों में भी नहीं रह पा रहे हैं।
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