राष्ट्रीय परीक्षण सेवा-भारत, भारतीय भाषा संस्थान मैसूरु एवं एसबीएसएस महाविद्यालय के हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी में परीक्षण एवं मूल्यांकन और प्रश्नपत्र लेखन पर हाइब्रिड मोड में आयोजित 17 अक्टूबर तक चलने वाला छह दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला आज से शुरू हो गया।
कार्यक्रम में भारतीय भाषा संस्थान के प्रशिक्षक डॉ. वीरेश कुमार एवं डॉ. अमित कुमार झा तथा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के हिंदी विभाग से डॉ. चंद्रभानु प्रसाद सिंह शामिल हुए। जिनका स्वागत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. अवधेश कुमार सिंह एवं हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. अरमान आनंद ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. चंद्रभानु प्रसाद सिंह ने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं बेहद महत्वपूर्ण हैं। ये शैक्षणिक एवं मूल्यांकन संबंधी कौशल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। प्रश्न पत्र निर्माण की बारीकियों को समझाते हुए उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला शिक्षकों के लिए पुनर्नवा का कार्य करेगी। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. नीलेश कुमार ने कहा कि इस प्रकार का कार्यक्रम महाविद्यालय की उपलब्धि है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि सभी प्रतिभागियों को साधुवाद देता हूं कि वे ऐसे महत्वपूर्ण कार्यशाला का भाग बन रहे हैं। प्रथम दिन के प्रथम सत्र में प्रशिक्षण के दौरान मैसूर से आए प्रशिक्षक डॉ. वीरेश कुमार ने पारिभाषिक शब्दावलियों पर चर्चा की एवं उसकी महत्ता के बारे में समझाया। वहीं. द्वितीय सत्र में शिक्षा के उद्देश्यों की वर्गिकी विषय पर प्रशिक्षण दिया गया।
इस दौरान प्रशिक्षक डॉ. वीरेश कुमार ने कहा कि शिक्षा का चरम उद्देश्य व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ. अरमान आनंद ने कहा कि प्रश्नोत्तरी निर्माण की प्रक्रिया शिक्षण का महत्वपूर्ण अंग है। इस कार्यशाला में हम प्रश्नोत्तरी निर्माण प्रक्रिया से छात्रों का मूल्यांकन करने में अधिक सक्षम होंगे।