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प्राचीन काल से ही गुरु परंपरा का विशेष महत्व रहा है : प्रोफेसर कमल जायसवाल

भारतीय शिक्षण मंडल, अवध प्रांत के प्रांतीय अध्यक्ष प्रोफेसर कमल जायसवाल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही गुरु परंपरा का विशेष महत्व रहा है। समर्थ गुरु समर्थ राष्ट्र की भावना से शिक्षण मंडल कार्य करता है। मन में गुरु के प्रति श्रद्धा परम आवश्यक है। यह श्रद्धा विद्यार्थियों के मन में स्थापित करना आज की परिस्थितियों में प्रासंगिक है। इसके लिए महर्षि वेदव्यास जो भारतीय संस्कृति की गुरु परंपरा के प्रतीक हैं। भारतीय शिक्षण मंडल गुरु परंपरा के पुनर्जीवन के लिए महर्षि वेदव्यास जी के जन्म दिवस आषाढ़ मास की पूर्णिमा को व्यास पूजा के रूप में प्रतिवर्ष संपूर्ण भारत वर्ष में कार्यक्रम आयोजित करता है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सी एस एन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर कौशलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि गुरु का जीवन में बहुत अधिक महत्व है। गुरु अज्ञानता को दूर करके ज्ञान का प्रकाश फैलता है। सही मार्ग दिखाता है। गुरु ज्ञान मार्गदर्शन और प्रेरणा का स्रोत होता है। इस अवसर पर आर.आर.इण्टर कॉलेज के शिक्षक देवेश सिंह, सनातन धर्म इण्टर कालेज के शिक्षक श्री रोहित कुमार सिंह, एस एस महाविद्यालय के शिक्षक डॉ. अखिलेश चंद्र पांडे, ग्रामोदय महाविद्यालय के अभय शंकर मिश्रा समेत 35 शिक्षकों को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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