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यमुनानगर: गोवंश संरक्षण को लेकर गौ भक्तों ने निकाला पैदल रोष मार्च

यमुनानगर, 9 अगस्त (हि.स.)। गोवंश की स्थिति में सुधार की मांग को लेकर गऊ संवर्धन न्यास के बैनर तले सैकड़ो गौभक्त शहर के नेहरू पार्क से पैदल रोष प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।


शुक्रवार को इस मौके पर हिंदू संघर्ष समिति के सदस्य उदयवीर शास्त्री ने बताया कि प्रदेश भर में आज गोवंश कूड़े के ढेरों पर नजर आती है और इनका कोई संरक्षण नहीं किया जा रहा है। उन्होंने हिंदुत्व के नाम पर राजनीति करने वाली पार्टी पर विशेष कर आरोप लगाते हुए कहा कि माता तुल्य गोवंश की स्थिति में सुधार करने के दावे और वायदे तो बड़े किए गए लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और है।


उन्होंने कहा कि जो गौवंश हमें दूध, घी, दही व मक्खन सब कुछ देती है, क्या उसका संरक्षण करना हमारी नैतिक वह सामाजिक जिम्मेदारी नहीं है।


उन्होंने कहा कि जिसके लिए सरकार ने सरंक्षण के बड़े-बड़े वादे किए लेकिन आज गांव से लेकर शहर तक गोवंश का सड़कों पर बुरा हाल है।


उन्होंने कहा कि आज सड़कों पर गोवंश दुर्घटना का शिकार हो रहें है। तस्करों द्वारा चोरी कर इनको वध के लिए बेचा जा रहा है।


उन्होंने कहा कि प्रदेश में गोवंश आयोग तो बनाया गया लेकिन आज भी गौशालाओं, गौअभ्यारण का जमीनी स्तर पर कोई सुधार नहीं हुआ।


उन्होंने कहा कि जिले के 511 गांव में गौमाता के नाम पर 3994 हजार एकड़ गोचर भूमि पड़ी है और कई सैकड़ो एकड़ भूमि जोहड व रोड़ाहड्डी की है जिसे सरकारी तंत्र व कब्जा से मुक्त कराया जाए और गोवंश के भविष्य के लिए आरक्षित की जाए।


उन्होंने कहा कि 2016 में मुख्यमंत्री ने छछरौली दौरे के दौरान गोवंश अभ्यारण की घोषणा भी की थी, जो सिर्फ कागजों में ही बंद होकर रह गई। उसे जमीन पर लाया जाए।


उन्होंने कहा कि हरियाणा के साथ-साथ हिमाचल, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश की सीमाएं लगती हैं। जहां पर गौ तस्करी भी होती है। उन्होंने कहा कि तस्करों द्वारा जिले में भी गौ हत्या के कई मामले सामने आ चुके हैं। हमारी मांग है कि पुलिस गौरक्षा टास्क बनाकर उसे मजबूती से क्रियान्वित किया जाए ताकि गोवंश का सही ढंग से संरक्षण किया जा सके।


इस मौके पर बड़ी संख्या में गो भक्तों ने नारेबाजी भी की।


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