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मंदिरों की सुरक्षा सहित पन्द्रह सूत्रीय मांगों को लेकर पुजारी-संत जयपुर के शहीद स्मारक पर जुटे

राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर गुरुवार सुबह प्रदर्शन का अनूठा तरीका नजर आया। शंख-घड़ियाल के साथ भगवान परशुराम की महाआरती के बाद हनुमान चालीसा के पाठ गूंजे। एक बारगी तो जो भी वहां से गुजरा, धार्मिक माहौल देखकर ठहर सा गया। पुजारी सेवक सेवा संघ के बैनर तले मंदिरों की सुरक्षा, खातेदारी अधिकार और मंदिर माफी की जमीनों से अतिक्रमण हटाने सहित 15 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के संत, पुजारी, पुरोहित, कर्मकांडी ब्राह्मण जयपुर में जुटे हैं।

संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पुजारी महेश शर्मा के नेतृत्व में चल रहे प्रदर्शन में प्रदेश के विभिन्न मंदिरों से जुड़े संत-महंत, पुजारी, पुरोहित एवं सेवक परिवार सहित शामिल हुए। सेवा संघ के महामंत्री रतनलाल शर्मा ने बताया कि उनकी मांग है कि राजस्थान में वैदिक संस्कार एवं शिक्षा बोर्ड के गठन किया जाए। साथ ही पुजारी सेवकों को ट्रस्ट, मंदिर संचालन समिति पदाधिकारी बनाया जाए। इसके अलावा पुजारियों की हत्या, आत्म बलिदान के दोषियों को सजा मिले और पीड़ित परिवारों को राज्य सरकार सहायता प्रदान करे। साथ ही संत-महात्माओं और पुजारियों पर होने वाले अत्याचार-प्रताड़ना को रोकने के लिए कानूनी प्रावधान हो। इसके अलावा रियासत काल में पुजारियों को दी गई डोली, माफी की खातेदारी प्रदान करना। देवस्थान विभाग के मंदिर पुजारी की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता यजुर्वेद पाठ्यक्रम में पांच वर्षीय डिग्री-डिप्लोमा हो।मंदिरों के पट्टे के जरिये पुजारी प्रदान किए जाएं।मंदिरों में बिजली-पेयजल की निशुल्क व्यवस्था की जाए। डोली, मंदिर की कृषि भूमियों को सामान्य कृषकों के समान गैर कृषि कार्य का उपयोग अनुमत करना आदि प्रमुख मांगों में शामिल हैं।


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