मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में भर्ती मरीज की चेहरा जलने से मौत हो गई। उपचार के दौरान कार्डियो शॉक दिया जा रहा था, लेकिन स्टाफ की लापरवाही के चलते उसमें से निकली चिंगारी मरीज के मास्क तक पहुंच गई। मास्क में लगी आग से मरीज का चेहरा और गर्दन का हिस्सा जलने से मौत हो गई। हादसा बुधवार रात का है। मौत की जानकारी मिलने के बाद गुरुवार को परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। डॉक्टर्स का कहना है कि पहले ही धड़कनें बंद हो गई थीं और उसे डायरेक्ट कार्डियोवर्जन शॉक दिया जा रहा था।
अनंतपुरा तालाब गांव निवासी वैभव शर्मा (30) को कई दिनों से पेट दर्द की शिकायत थी। वैभव के छोटे भाई लक्की ने बताया कि जब उसका पेट दर्द सही नहीं हुआ तो मेडिकल कॉलेज में ही दो तीन बार दिखाया था। इसके बाद सोनोग्राफी कराई गई तो डॉक्टरों ने कहा कि उसकी आंतों में छेद है और भर्ती करना पडे़गा। इस पर छह जुलाई को वैभव को न्यू हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करवा गया। चार दिन बाद 10 जुलाई को उसका ऑपरेशन किया गया और इसके बाद वार्ड में शिफ्ट किया गया। वार्ड में शिफ्ट करने के दौरान उसकी तबीयत ठीक थी, लेकिन बुधवार दोपहर अचानक तबीयत बिगड़ने लगी और घबराहट होने लगी। इस पर वैभव को दोबारा आईसीयू में शिफ्ट किया गया। रात में दोबारा घबराहट होने लगी तो ऑक्सीजन दी गई। इधर, वैभव की धड़कनें भी कम होने लगी थीं। इस पर स्टाफ को बुलाया गया और वैभव को डीसी शॉक दिया गया।
वैभव के भाई ने आरोप लगाया कि डीसी शॉक देने के बाद भाई नॉर्मल था और डॉक्टर व स्टाफ रूम में जाकर बैठ गए थे। इतने में ही अचानक ऑक्सीजन मास्क में चिंगारी उठी और आग लग गई। आग तेजी से फैली तो यह देख स्टाफ वहां से भाग गया। वहां मौजूद छोटे भाई गौरव ने आग को बुझाया। इस हादसे में उसका भी हाथ झुलस गया। वहीं वैभव का चेहरा, गर्दन और गर्दन से नीचे का हिस्सा भी झुलस गया और इस हादसे के बाद उसकी मौत हो गई। भाई ने बताया कि हादसा इतना दर्दनाक था कि ऑक्सीजन मास्क तक वैभव के चेहरे से चिपक गया था। अस्पताल में इस तरह से मरीज की मौत के बाद घरवालों ने हंगामा कर दिया। शव को पोस्टमॉर्टम रूम में शिफ्ट करवा दिया गया। गुरुवार सुबह परिजन, ब्राह्मण समाज के लोग, पीसीसी महासचिव राखी गौतम समेत कई लोग मोर्चरी पहुंच गए। परिजनों ने पोस्टमॉर्टम करवाने से इनकार कर दिया। परिजनों ने लापरवाही बरतने वाले स्टाफ और डॉक्टर्स पर कार्रवाई की मांग की और साथ ही मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा कर दिया। हिंदू संगठनों के लोग भी वहां पहुंच गए और नारेबाजी की।
हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. आरपी मीणा का कहना है कि घटना दुखद है। यह एक तरह का एक्सीडेंट है, लापरवाही जैसा कुछ नहीं है। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन ज्वलनशील होती है। जैसा अभी तक सामने आ रहा है कि उसकी धड़कन बंद हो गई थी। ऐसे में ऑक्सीजन उसके शरीर तक प्रेशर से पहुंचाई जा रही थी। साथ में डीसी शॉक दिए जा रहे थे। ऐसा हो सकता है कि डीसी शॉक के दौरान कोई सर्किट हुआ हो या स्पार्किंग निकली हो और ऑक्सीजन की वजह से आग पकड़ ली हो। हम बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाएंगे। साथ ही पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए भी कमेटी बनाई जाएगी।