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जिंदल स्टील एंड पॉवर में धूमधाम से मनाया गया फाउंडर्स डे

रायगढ़, 7 अगस्त (हि.स.)। जिंदल समूह के संस्थापक ओमप्रकाश जिंदल की 94वीं जयंती बुधवार को धूमधाम से मनाई गई। जिंदल की प्रतिमा पर आदरांजलि देने के साथ सुबह शुरू हुए कार्यक्रम देर शाम तक जारी रहे। किरोड़ीमल नगर में विशाल स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इसमें सैकड़ों ग्रामीणों ने निशुल्क जांच, उपचार एवं दवाइयों का लाभ उठाया। इसके अलावा शहर और आसपास के सभी वृद्धाश्रमों, अनाथालयों और ऐसी सभी संस्थाओं में भोजन की व्यवस्था के साथ उनकी जरूरत के अनुरूप सामग्री उपलब्ध कराई गई। जिंदल आशा के विशेष बच्चों ने भी उत्साह के साथ जिंदल का जन्मदिन मनाया। मुख्य समारोह में संयंत्र के आसपास के गांवों के बच्चों ने भी शानदार प्रस्तुति से सभी का मन जीत लिया।

ओमप्रकाश जिंदल के जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की शुरुआत जेएसपी परिसर में सेंट्रल बेरियर के पास सुबह 8 बजे हुई। यहां महापौर जानकी काटजू, जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल, पूर्व विधायक चैन सिंह सामले सहित अन्य अतिथियों के साथ कार्यपालन निदेशक पीके बीजू नायर एवं कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने जिंदल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। ग्राम कोसमपाली एवं कोसमनारा की बालिकाओं द्वारा देशभक्ति की थीम पर नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गई। इसके बाद जेएसपी फाउंडेशन की मदद से गांव—गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए काम कर रहीं स्वास्थ्य संगिनियों ने जागरुकता का संदेश दिया।

कार्यक्रम के दौरान महापौर काटजू ने कहा कि जिंदल ने जीवन के हर क्षेत्र में अपनी भूमिका का पूरी तरह से निर्वहन किया। अब उनके पुत्र नवीन जिंदल भी उनके ही रास्ते पर चल रहे हैं।’ उन्होंने रायगढ़ के विकास में जेएसपी के योगदान की सराहना की। जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल ने कहा कि ‘जिंदल स्टील एंड पॉवर के कारण रायगढ़ की पहचान आज विश्व मानचित्र पर बन गयी है। बाबूजी ओमप्रकाश जिंदल ने अपने नाम के अनुरूप अपनी मेहनत और लगन से कामयाबी की अद्भुत मिसाल कायम की है।’ पूर्व विधायक चैन सिंह सामले ने बाबूजी को नमन करते हुए कहा कि ‘बाबूजी जमीन से जुड़ी शख्सियत थे। वे औद्योगिक विकास के साथ ही सामाजिक विकास के भी पक्षधर थे। उनकी प्रेरणा से ही आज जेएसपी द्वारा पूरे क्षेत्र के चहुंमुखी विकास में अपना पूरा योगदान दिया जा रहा है। बाबूजी के जीवन हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।

कार्यपालन निदेशक नायर ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘किसान से सफल उद्योगपति का सफर तय करने वाले बाबूजी ने जिंदगी की हर कसौटी पर खरा उतरते हुए कर्मयोगी सा जीवन बिताया। उनका जीवन सारे समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत है। शून्य से शिखर तक का उनका सफर असाधारण था।

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