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एनएचएआई ने मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम के लिए किया समझौता, टोल पर बिना रुके चलेंगी गाड़ियां

केंद्र सरकार ने गाड़ियों को टोल बूथों पर बिना रुके या स्पीड कम किए तेजी से निकलने की राह आसान कर दी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की कंपनी भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (आईएचएमसीएल) ने गुजरात के चोर्यासी टोल प्लाजा और हरियाणा के घरौंडा टोल प्लाजा पर देश का पहला मल्टी-लेन फ्री फ्लो (एमएलएफएफ) सिस्टम शुरू करने के लिए आईसीआईसीआई बैंक के साथ समझौता किया है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, देश की पहली व्यापक मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोलिंग प्रणाली लागू करने के लिए नई दिल्ली के एनएचएआई मुख्यालय में एनएचएआई के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव, आईएचएमसीएल और आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारियों की उपस्थिति में इस समझौते हस्ताक्षर किए गए।

एमएलएफएफ सिस्टम गाड़ियों को बिना रोके या गति धीमी किए फास्टैग के जरिए टोल का पैसा अपने आप काट लेगा, जिससे टोल पर लंबी लाइन नहीं लगेगी, समय बचेगा, ट्रैफिक कम होगा और पर्यावरण को भी फायदा होगा। गुजरात का चोर्यासी टोल प्लाजा देश का पहला ऐसा टोल बनेगा, जहां गाड़ियां बिना रुके निकल सकेंगी। एनएचएआई की योजना इस साल 25 टोल प्लाजा पर यह सिस्टम लागू करने की है और इसके लिए टोल बूथों की पहचान का काम चल रहा है।

एनएचएआई के अध्यक्ष संतोष यादव ने कहा कि यह सिस्टम भारत में टोल वसूली को और आसान, तेज और पारदर्शी बनाएगा। यह तकनीक से लैस सिस्टम टोल संग्रह को और बेहतर बनाएगा और देश में स्मार्ट हाई-वे नेटवर्क तैयार करने में मदद करेगा।

मल्टी-लेन फ्री फ्लो सिस्टम में हाई-टेक रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) रीडर और कैमरे गाड़ी के फास्टैग और नंबर प्लेट को पढ़कर टोल का पैसा काट लेंगे। इससे टोल पर जाम नहीं लगेगा, समय बचेगा, ईंधन की बचत होगी और प्रदूषण भी कम होगा।

मल्टी-लेन फ्री फ्लो एक इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग प्रणाली है जो गाड़ियों को बिना रुके या गति कम किए सड़कों पर टोल पार करने देती है। यह रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान, स्वचालित नंबर प्लेट पहचान और वैश्विक स्थिति निर्धारण व्यवस्था जैसी तकनीकों का उपयोग करती है। यह व्यवस्था वाहन की पहचान करती है और टोल का पैसा सीधे बैंक खाते से काट लेती है।

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