केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को देश का पहला स्वदेशी रूप से विकसित, किफायती, हल्का, अल्ट्राफास्ट, हाई फील्ड (1.5 टेस्ला), नेक्स्ट जेनरेशन मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैनर लॉन्च किया। इसे वॉक्सेलग्रिड्स इनोवेशन प्रा.लि. ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन के तहत विकसित किया है।
इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे आम आदमी के लिए एमआरआई स्कैनिंग की लागत काफी कम होने की उम्मीद है। साथ ही आयात पर निर्भरता खत्म होने से काफी विदेशी मुद्रा भी बचेगी।
मंत्रालय के मुताबिक विश्व स्तरीय एमआरआई विकसित करने के लिए खर्च किए गए 17 करोड़ रुपये में से 12 करोड़ रुपये बीआईआरएसी के माध्यम से डीबीटी द्वारा प्रदान किए गए। डॉ. सिंह ने कहा कि उत्पादन बढ़ाने के साथ, यह वैश्विक दक्षिण में अन्य देशों के साथ इस सफलता को साझा करने की संभावना प्रदान करता है ताकि उन्हें किफायती और भरोसेमंद चिकित्सा इमेजिंग समाधानों तक पहुंच बनाने में मदद मिल सके।