साणंद जीआईडीसी अधिग्रहित 4 गाँवों में पंचायत के 10 वर्ष का व्यवसाय कर आय 20 करोड़ के पार
-कंपनियों द्वारा भुगतान किए जाने वाले कर से तीन पंचायतों में प्रतिवर्ष एक करोड़ से अधिक की आय
वाइब्रेंट गुजरात का दसवां संस्करण का आयोजन होने वाला है। 20 वर्ष पहले 2003 में शुरू हुई वाइब्रेंट गुजरात समिट के सफल आयोजन के फलस्वरूप गुजरात आज औद्योगिक हब बन गया है। आज गुजरात के गाँवों तक आर्थिक समृद्धि पहुँची है। अहमदाबाद के साणंद इंडस्ट्रियल एस्टेट में विश्व की विख्यात कंपनियों ने इकाइयाँ स्थापित की हैं और इसके फलस्वरूप आसपास के गाँवों में बसने वाले लोगों के जीवन में आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान का नया अध्याय शुरू हुआ है।
साणंद-2 इंडस्ट्रियल एस्टेट द्वारा आसपास के 4 गाँवों की 2003 हेक्टेयर भूमि को अधिग्रहित किया गया था। इनमें बोळ, हीरापुर, शियावाडा तथा चरल गाँव शामिल हैं। यहाँ कंपनियों के इकाइयाँ स्थापित करने के बाद ग्राम पंचायत की व्यवसाय कर की आय शुरू हो गई है। वर्ष 2012-13 से 2021-22 तक की समयावधि में सर्वाधिक 13 करोड़ रुपए से अधिक का व्यवसाय कर बोळ गाँव को प्राप्त हुआ है। इसके बाद हीरापुर को 3.95 करोड़ रुपए, चरल को 1.97 करोड़ रुपए और शियावाड को 1.31 करोड़ रुपए की व्यवसाय कर आय हुई है।
गाँव व्यवसाय कर आय (2012-13 से 2021-22 तक)
बोल 13,09,57,379 रुपए
हीरापुर 3,95,77,491 रुपए
चरल 1,97,00,669 रुपए
शियावाड 1,31,32,343 रुपए
कुल 20,33,67,882 रुपए
कर आय शून्य से करोड़ों रुपए तक पहुँची
वर्ष 2012-13 में इन चार गाँवों में व्यवसाय कर की आय शून्य थी, जो वर्ष 2021-22 तक समय-समय पर बढ़ते हुए एक करोड़ रुपए के पार पहुँच गई है। वर्ष 2021 में ही बोळ गाँव की आय 2.4 करोड़ रुपए, हीरापुर की 93.25 लाख रुपए, चरल की 29.45 लाख रुपए और शियावाड की आय 35.26 लाख रुपए हुई है।
10 वर्ष में छारोडी पंचायत की आय 15 करोड़ रुपए से अधिक
साणंद से 15 किलोमीटर दूर छारोडी में GIDC के कारण छारोडी ग्राम पंचायत की आय भी दस वर्ष में दुगुनी हुई है। वर्ष 2012-13 में छारोडी पंचायत की व्यवसाय कर आय 52.38 लाख रुपए हुई थी, जो वर्ष 2021-22 में बढ़ कर 1.35 करोड़ रुपए हो गई है।वर्ष 2012-13 से 2021-22 तक छारोडी पंचायत को व्यवसाय कर के रूप में 15.54 करोड़ रुपए की आय हुई है।
हमारे गाँव में अब टेक्स पेयर हैं और सबका जीवन 360 डिग्री बदल गया है : सरपंच
औद्योगिक इकाइयों के आगमन से ग्रामीण जनों के जीवन में आए परिवर्तन के विषय में बोळ गाँव के सरपंच नरेन्द्रसिंह बारड ने कहा कि अब इस गाँव में कई लोग टेक्स पेयर बन गए हैं। गाँव में सामाजिक एवं आर्थिक स्तर में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है तथा कई लोगों ने अलग-अलग व्यवसाय शुरू किए हैं, जिससे उनके जीवन में 360 डिग्री परिवर्तन आया है। आसपास के गाँवों में भी इसका प्रभाव देखा जा रहा है।
बोल गाँव में गटर लाइन का नेटवर्क और सीसीटीवी, पहली बालिका के जन्म पर नकद प्रोत्साहन
बोळ गाँव में हुए विकास कार्यों की चर्चा करते हुए सरपंच नरेन्द्रसिंह बारड ने कहा कि समग्र गाँव में गटर लाइन का नेटवर्क विकसित किया गया है। गाँव में आरसीसी रोड, सीसीटीवी कैमरा तथा स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की गई है। पंचायत से ग्रामीण जनों को सूचना देने के लिए पूरे गाँव में साउंड सिस्टम लगाया गया है। इसके अलावा कन्या शिक्षा के हिस्से के रूप में किसी भी परिवार में पहली बेटी का जन्म होने पर पंचायत के स्वकोष से 5 हज़ार रुपए प्रोत्साहन के रूप में दिए जाते हैं। स्वच्छता के लिए डोर टु डोर वेस्ट कलेक्शन की व्यवस्था भी की गई है।