नौकरियों मे भर्ती के लिए सरकार द्वारा बनाई गई योजना को लेकर किताब सिंह भनवाला, शीशपाल लोहान, जयनारायण पिलानिया, दलबीर रेढू तथा पूर्व सरंपच मदन सिंह मलिक ने बैठक करते हुए वीरवार को कहा कि ग्रुप डी की भर्तियों के लिए ली जाने वाले सीईटी परीक्षा के जींद जिले में कोई भी परीक्षा केंद्र न बनाना जींद के युवाओं के साथ पक्षपात व कष्टदायक है। इसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। इसके लिए जहां सत्ता पक्ष जिम्मेदार है उतना ही इस नीति के विरोध में आवाज न उठाने के लिए विपक्षी पार्टियां भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं।
किताब सिंह भनवाला ने बताया कि जींद के लगभग एक लाख परीक्षार्थी इस परीक्षा में बैठने जा रहे हैं और उनको जो केंद्र अलॉट किए गए हैं वे लगभग 100 किलोमीटर से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। कहने को तो सरकार व प्रशासन मुफ्त बस सेवा का प्रचार कर रही है और इसके लिए 175 बसें चलाने की बात कही है। 175 बसों में एक लाख परीक्षार्थियों में से कितनों को यह बसें ले जा सकती हैं। अधिक से अधिक 10 हजार परीक्षार्थियों को इन बसों के द्वारा ले जाया जा सकता है। शेष 90 हजार परीक्षार्थी कैसे निर्धारित केंद्रों पर पहुंचेंगें। प्रशासन के अनुसार पहली बस प्रात: 4 बजे जींद से चलेगी।
चार बजे वाली बस को पकडऩे के लिए दो बजे परीक्षार्थी को उठना पड़ेगा और 100-150 किलोमीटर यात्रा करने के बाद परीक्षा केंद्र पर पहुंचा जाएगा। इस अवस्था में परीक्षार्थी क्या परीक्षा देने लायक रह जाएंगे। सरकार की यह नीति जनविरोधी है और बेरोजगार युवक एवं युवतियों के लिए भारी मुसीबत का कारण है। इस तरह की परीक्षाओं के लिए प्रत्येक जिले में यहां तक की उपमंडल स्तर पर भी केंद्र बनाए जाने चाहिए और जिले के जिले के अंदर परीक्षार्थियों के परीक्षा केंद्र निर्धारित होनी चाहिएं। इससे सरकार का पैसा भी बचेगा और परीक्षार्थियों को मानसिक पीड़ा नहीं होगी। सकार जींद जिले में परीक्षा केंद्र न बनाने का कारण भी स्पष्ट करे ताकि असलीयत सबके सामने आ सके।