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भिवानी: गौरक्षकों व पशु चिकित्सकों ने गाड़ी व मोबाईल की रोशनी में ऑप्रेशन कर बचाई नंदी की जान

 स्थानीय पॉलीक्लीनिक के चिकित्सक एवं गौरक्षा दल से जुड़े गौरक्षक घायल व बीमार जानवरों के ईलाज के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। ऐसी किसी भी सूचना के आधार पर ही तुरंत कार्रवाई में जुट जाते हैं, ताकि घायल व बीमार पशु को बचाया जा सकें। ऐसा ही एक मामला भिवानी में सोमवार देर रात देखने को मिला, जहां दो नंदियों की लड़ाई में एक नंदी बुरी तरह से घायल हो गया। जिसकी सूचना मिलने पर गौरक्षा दल के सदस्य मदद के लिए निकल पड़े।

इस बारे में गौरक्षा दल के प्रधान संजय परमार ने बताया कि उनके पास देर रात फोन आया कि शहर में दो नंदी की लड़ाई में एक घायल हो गया है। उन्होंने मौके पर जाकर देखा तो घायल नंदी के पेट में सींग लगने की वजह से पेट के अंदर का हिस्सा बाहर आ गया था तथा उसकी हालत बहुत गंभीर थी। उन्होंने तुरंत प्रभाव से उपनिदेशक डा. रविंद्र सहरावत को सूचना दी। उपनिदेशक ने डा. सुभाष, डा. राकेश व वीएलडीए मनीष की टीम को तत्परता से कार्रवाई के निर्देश दिए। गौरक्षक संजय परमार ने बताया कि आपातकाल स्थिति को देखते हुए रात 9 बजे पॉलीक्लीनिक दोबारा खोला गया तथा गाड़ी व मोबाईल की रोशनी में नंदी का ऑप्रेशन किया गया।

उन्होंने बताया नंदी इस दौरान लगातार उल्टियां कर रहा था तथा उसे बेहोश करके लिटाया भी नहीं जा सकता था। यदि उल्टी उसकी सांस की नली में चली जाती तो नंदी को जान का खतरा हो सकता था। ऐसे में पशु चिकित्सकों एवं गौरक्षा दल के सदस्यों ने नंदी को खड़े-खड़े ही लोकल एनेस्थीसिया देकर ऑपरेशन करने का निर्णय लिया जो रात को 11 बजे ऑप्रेशन पूरा हुआ। परमार ने बताया कि इससे पहले शाम को एक बछड़े की दुर्घटना में पैर टूट गया था, उसका भी ऑप्रेशन मौके पर ही किया गया।


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