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शुद्ध तेलों को पहले खुद आजमाया और वह बन गया रोजगार

 चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर में रविवार को शुरू हुए अखिल भारतीय किसान मेला में शुद्ध खाना और पौष्टिक आहार की एवं मोटे अनाज की कई दुकानें लगी हैं। कानपुर के विकास नगर निवासी सुधा साहू इलेक्ट्रिकल इंजीनियर होने के बावजूद सरसों के तेल को पहले खुद आजमाया और अब उनका रोजगार बन चुका है।


कृषि मेले में ईश्वरी गोल्ड के नाम से दुकान लगाने वाली सुधा साहू ने बताया कि वह खुद लगभग 15 वर्षो से बीमारी से जूझ रही थी। लेकिन उन्हें चिकित्सक से कोई आराम नहीं मिला। जिससे वह थक हार कर अपनी पुरानी परम्परा के आधार पर तैयार होने वाले शुद्ध सरसों का तेल का उपयोग किया और उन्हें राहत दिखाई दी। जिसके बाद वह सरसों का तेल, नारियल, तिल एवं बादाम एवं सनफ्लावर के तेल की पिराई करके पैके तैयार करने लगी और धीरे-धीरे उनके ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होने लगी।


सुधा ने बताया कि मैंने अपने द्वारा तैयार किये तेल को पहले पांच ग्राहक और उसके बाद धीरे-धीरे ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होने लगी। आज की समय में लोग फैट लेना बिल्कुल बंद कर देते हैं, जबकि यह गलत है। हमारे शरीर को 26 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट्स, 36 से 42 प्रतिशत प्रोटीन और बाकी गुड फैट की जरूरत होती है। यदि हम फैट को नजर अंदाज कर देंगे तो शरीर में हड्डियों से संबंधित समस्याएं बढ़ जाएंगी।


सुधा साहू ने बताया यदि हम अपने खान-पान में चीनी, नमक और तेल को बदल दें तो जीवन शैली में काफी बदलाव आ जाएगा। सनातन से चली आ रही पद्धति की तरफ लौट रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मिलेट्स को लेकर लोगों को काफी जागरूक कर रहे हैं और किसान भाई लोग भी अब मिलेट्स की खेती बड़े पैमाने में करने लगे हैं।


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