पहली बार स्टेट फिश चिताला की रिवर रैचिंग, मत्स्य पालकों की आय होगी दोगुनी
देश में पहली बार गंगा नदी में राज्यमीन (स्टेट फिश ) चिताला की रिवर रैचिंग की जाएगी। नदियों की पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत रखने और गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने में रिवर रैचिंग मददगार साबित होगी। वाराणसी में पांच सितम्बर को रविदास घाट पर केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और उत्तर प्रदेश के मत्स्य मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद की मौजूदगी में रिवर रैचिंग कार्यक्रम होगा।
मत्स्य विभाग के विशेष सचिव व निदेशक प्रशांत शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहली बार स्टेट फिश चिताला की रिवर रैचिंग की जाएगी। इस मौके पर वाराणसी में गंगा नदी में लगभग 01 लाख चिताला मछलियों की अंगुलिकायें छोड़ी जाएंगी। रिवर रैचिंग का कार्यक्रम मंगलवार को सुबह 10 बजे रविदास घाट पर आयोजित होगा।
उन्होंने बताया कि चिताला मछली की रिवर रैचिंग से नदियों में इनकी संख्या में वृद्धि होगी। इससे नदियों में पारस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी। मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि होगी। साथ ही मछली खाने वाले लोग को प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार उपलब्धता भी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि राज्यमीन (स्टेट फिश ) चिताला को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने नियर थ्रीटेंड की श्रेणी में सम्मिलित किया है। इसके संवर्धन और संरक्षण के लिए सरकार रिवर रैचिंग का कार्यक्रम आयोजित कर रही है।