सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान सीमैप में मेघालय से आये किसानों ने औषधीय एवं सगंध पौधों से निर्मित वैल्यू एडेड उत्पादों का प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण लेने के लिए मेघालय से 20 किसान लखनऊ पहुंचे हैं। ये प्रगतिशील किसान मेघालय पहुंचकर दूसरे किसानों प्रशिक्षित करेंगे।
इस अवसर पर सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को औषधीय एवं सगन्ध पौधों से निर्मित वैल्यू-एडेड उत्पादों को बनाने में प्रशिक्षित किया जाना है, जिससे आप लोग इन तकनीकियों को सीख कर औषधीय एवं सगंध पौधों पर आधारित उद्योग लगा सकें।
सीएसआईआर-सीमैप द्वारा औषधीय एवं सगंध पौधों को प्रयोग कर 30 से अधिक हर्बल उत्पादों की तकनीकियों का विकास किया गया है। यह तकनीकियां हस्तानांतरण के लिए तैयार हैं। निदेशक ने किसानों को भरपूर सहयोग देने का आश्वासन दिया। तत्पश्चात डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव, प्रधान वैज्ञानिक ने प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं संस्थान द्वारा प्रदत्त सेवाओं के बारे मे जानकारी प्रदान की।
ब्लाक डवलपमेंट असिस्टेंट भलांग कमर ने कोयले की खान को सीएसआईआर-सीमैप के औषधीय एवं सगंध पौधों से हरा करने तथा सैकड़ों किसानों को रोजगार प्रदान करने की सफल कहानी बताई। उन्होंने बताया कि सीएसआईआर-सीमैप के सहयोग से मेघालय के किसान काफी खुशहाल हैं तथा अपनी आय बढ़ाकर दूसरे किसानों को प्रोत्साहित करते हैं। इस प्रशिक्षण के पश्चात हमारे नोडल किसान हर्बल उत्पाद बनाने में सक्षम होंगे।
इस अवसर पर डॉ. आर. के. श्रीवास्तव, प्रमुख व्यापार विकास विभाग ने कहा कि यह वैज्ञानिक पहल भारतवर्ष को हर्बल उत्पाद उद्योग में आत्मनिर्भर बनाने में सहायता प्रदान करेगा। इससे देश में बने हर्बल उत्पादों को घरेलू बाज़ार के साथ-साथ निर्यात भी किया जा सकता है, जिससे भारत को विदेशी मुद्रा का भी अर्जन होगा ।
मंगलवार के तकनीकी सत्र में डी.पी. मिंडाला द्वारा, मनोज कुमार यादव एवं दीपक कुमार वर्मा द्वारा प्रतिभागियों को अनुसंधान प्रक्षेत्र व मानव गार्डेन का भ्रमण कराया गया। इसके पश्चात डॉ. आर. के. श्रीवास्तव ने एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए औषधीय एवं सुगंधित पौधों की उन्नत कृषि तकनीकियों तथा उनसे निर्मित हर्बल उत्पादों की प्रौद्योगिकियों पर व्याख्यान दिया।
डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव, डी.पी. मिंडाला, प्रियंका सिंह, मनोज कुमार यादव एवं टीम द्वारा प्रशिक्षार्थियों को फूलों के पाउडर से अगरबत्ती एवं कोन बनाने की तकनीकी का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर डॉ. अनिर्बन पाल, डॉ. संजय कुमार, डॉ. राम सुरेश शर्मा, डॉ. ऋषिकेश एन. भिसे, डी. पी. मिंडाला, प्रियंका सिंह, मनोज कुमार यादव, मनोज सेमवाल, दीपक कुमार वर्मा उपस्थित रहे।