गोड्डा में स्थित अडाणी ग्रुप को ऊर्जा विभाग जल्द एक पत्र भेजेगा। इस पत्र में झारखंड सरकार के पूर्व में हुए एमओयू के अनुसार 400 मेगावाट बिजली की मांग की जाएगी।
इस संबंध में ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने अडानी ग्रुप के एमडी राजेश अडानी ने मुलाकात की थी। इसमें मुख्यमंत्री ने एमडी से शर्तों के तहत 400 मेगावाट बिजली सस्ती दर पर उपलब्ध कराने का मुद्दा उठाया था। इसके बाद ही विभाग अडाणी को पत्र भेजेगा। इतना नहीं जल्द ही अडाणी ग्रुप के अधिकारी और झारखंड बिजली वितरण निगम के अधिकारी बैठक कर इस मुद्दे का समाधान निकालेंगे।
अदानी पावर प्लांट से बिजली उत्पादन शुरू हो गया है। उत्पादित बिजली बांग्लादेश को दी जा रही है। झारखंड का प्लांट से उत्पादित बिजली फिलहाल नहीं मिल रही है। पिछले कुछ समय से उर्जा विभाग, जेबीवीएनएल और अदानी पावर प्लांट के अधिकारियों के बीच इस मामले को लेकर लगातार बैठक हो रही है। अब उर्जा विभाग की ओर से अदानी समूह को पत्र भेजने की तैयारी की जा रही है, जहां राज्य के लिये 400 मेगावाट बिजली की मांग की जायेगी।
पत्राचार के बाद इस मामले में बैठक कर समाधान निकाला जायेगा। पावर परचेस एग्रीमेंट के तहत किसी भी राज्य में पावर प्लांट लगाने पर 25 फीसदी बिजली उस राज्य को देने का प्रावधान है। अदानी पावर प्लांट के साथ पूर्व सरकार ने एग्रीमेंट तो किया लेकिन अदानी पावर प्लांट के गोड्डा स्थित प्लांट से बिजली दी जायेगी या कहीं और से इस पर स्पष्ट एग्रीमेंट नहीं किया। इसके बाद से ही प्लांट से उत्पादित बिजली से अटकलें शुरू हो गयी। ऐसे में राज्य उर्जा विभाग की ओर से इस पर आपसी सहमति की बात बनी है।
अदानी पावर प्लांट में दो यूनिट है. दोनों से 800-800 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे 1450 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रही है। पावर प्लांट इस साल अप्रैल से शुरू है लेकिन इससे उत्पादित बिजली बांग्लादेश जा रही है। भारत और बांग्लादेश सरकार के बीच 2017 में हुए एमओयू के अनुसार, अदानी पावर प्लांट गोड्डा के पावर प्लांट से 1600 मेगावाट बिजली देता रहेगा। ऐसे में अदानी पावर प्लांट अब किसी अन्य राज्य से बिजली झारखंड को उपलब्ध करायेगा।