बसपा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को हरियाणा में कानून व्यवस्था बहाली कर शांति स्थापित कायम करवाने के लिए डीसी कार्यालय के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। इस मौके पर एडवोकेट देशराज सरोहा, सुमेर जांगड़ा, धर्मवीर भुक्कल, पुरुषोत्तम बूरेवाला, रंगीन हंसडेहर, राजेश सिंघाना, विजेंद्र सिंह वकील, संदीप वकील, अरविंद नरवाल वकील, राजपाल, आनंद आदि खास तौर पर मौजूद रहे।
बसपा नेताओं ने कहा कि हरियाणा के नुंह, गुडग़ांव, फरीदाबाद, रेवाड़ी, झज्जर जिले में धारा 144 लागू होने के बाद भी शांति बहाल नहीं हो पाई है। वह इनके साथ-साथ अन्य जिलों में धार्मिक संगठनों द्वारा बहुत ही घृणित नारों के द्वारा पूरे प्रदेश का माहौल खराब करने के लिए जुलूस के रूप में तहसील और जिला स्तर पर पूरे प्रदेश में डर व भय का माहौल बना हुआ है। देश के संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर व अन्य ने संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 तक देश के हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया है।
इस धार्मिक स्वतंत्रता का यह मतलब कतई नहीं है कि कोई भी जनसमूह, धार्मिक स्वतंत्रता का सहारा लेकर समाज में उन्माद फैलाए। यह एक सार्वजनिक तथ्य है कि नुंह, गुरुग्राम में हुई धार्मिक संगठनों के द्वारा लोगों ने पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में हिंसा को अंजाम दिया। हरियाणा सरकार को ऐसे लोगों को तुरंत कानून के समस्त कार्रवाई करके कानून का राज स्थापित करना चाहिए लेकिन सरकार केवल गरीब व्यक्तियों की झुग्गी, झोपडिय़ों पर बुलडोजर चलाकर कार्रवाई करने का ढोंग कर रही है।
समुदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर सामाजिक सद्भावना बिगडऩे का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करके रोका जाना चाहिए। हरियाणा राज्य में किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं हो, इसके लिए उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के मुख्यमंत्री शासनकाल से सीख लेनी चाहिए। जिसने उत्तर प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री काल में एक भी दंगा नहीं हुआ।