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बजट प्रतिक्रियाः युवाओं के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत सराहनीय कदम

हमीरपुर, 01 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट से किसान, गृहणियां, वेतनभोगी कर्मचारी खुश हैं। बच्चों व युवाओं के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत को सराहनीय कदम माना जा रहा है। तो सोने चांदी व्यवसाई, व्यापारी जगत में नाराज हैं। इसको लेकर कई लोगों से प्रतिक्रियाएं ली गईं। वार्षिक बजट में बच्चों और युवाओं के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत किया जाना एक सराहनीय कदम है। शासकीय कर्मचारियों के लिए आयकर की नई व्यवस्था जो बजट में प्रस्तावित की गई है वह लाभप्रद योजना है। साथ ही बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जो व्यवस्थाएं प्रस्तावित की गईं हैं वह बुंदेलखंड क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी। बुंदेलखंड जैसे पिछड़े क्षेत्र को पर्यटन के मानचित्र में लाने में एक अहम कदम होगा। इससे जनता की आय में वृद्धि के साथ ही एक नई पहचान बनेगी। कुल मिलाकर बजट सराहनीय है। केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा पेश किए गए बजट में सोना चांदी को महंगा कर दिया गया है। ज्वैलर्स राकेश साहू ने कहा सोना चांदी जैसी बहुमूल्य धातुओं को महंगा करने से इसकी तस्करी को बढ़ावा मिलेगा। सरकार द्वारा बजट में सोने चांदी पर लगाई गई कस्टम ड्यूटी को खत्म नहीं करके आम व्यक्तियों को इसे खरीदने से दूर किया है। इसका नकारात्मक प्रभाव सर्राफा कारोबारियों पर पड़ेगा। उद्योग व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष धीरेंद्र गुप्ता उर्फ धीरू ने कहा केंद्रीय बजट से व्यापारी जगत में भारी निराशा का माहौल है। बजट भाषण में वित्तमंत्री ने आम व्यापारियों के लिए कोई घोषणा नहीं की है। पूरा बजट भाषण सुनने के बाद ऐसा प्रतीत हुआ जैसे उनके शब्दकोश में व्यापारियों के लिए कोई शब्द नहीं है। जीएसटी में रिकॉर्ड तोड़ वसूली होने के बाद भी किसी तरह की रियायत नहीं दी गई है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष विवेक गुप्ता ने कहा कि व्यापारियों की मांग थी मंहगाई को देखते नगद लेन-देन की सीमा बढ़ाकर एक लाख रुपये की जाए। व्यापारी पेंशन योजना लागू की जाए। जीएसटी में पांच करोड़ तक की सेल होने पर एचएसएन कोड की बाध्यता समाप्त की जाए। 1.5 करोड़ तक टर्न ओवर वाले व्यापारी को जीएसटी से छूट प्रदान की जाए। रेपोरेट घटाकर लोन एकाउंट पर ब्याज की दरें घटाई जाएं। जीएसटी दरों के स्लैब कम किए जाएं, 28 प्रतिशत जीएसटी की दरें बहुत अधिक है इसे अधिकतम 18 प्रतिशत किया जाए। खरीद बिक्री का डाटा विभाग के पास जीएसटी पोर्टल पर मौजूद होने के कारण सर्वे छापे की व्यवस्था समाप्त की जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वेतनभोगी, छोटे व्यापारियों के लिए लाभकारी है बजट सबसे सराहनीय पहलू यह है की विगत कई वर्षों से विभिन्न आय वर्ग वाले आयकर की सीमा में राहत का इंतजार कर रहे थे। इस बजट में आयकर सीमा को बढ़ाकर 5 लाख से 7 लाख कर देने के कारण समाज के सभी वर्गों को राहत मिलेगी। महिला सम्मान बचत पत्र के माध्यम से 2 लाख तक की जमा पर 7.5 प्रतिशत का ब्याज गरीब महिलाओं को बहुत राहत देगा। कुल मिलाकर वेतनभोगी, छोटे व्यापारियों, किसानों सभी के लिए लाभकारी बजट है। अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के लक्ष्य पर केंद्रित है बजट शहर निवासी अवधेश चंद्र गुप्ता ने कहा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के लक्ष्य पर केंद्रित है। यह सर्वस्पर्शी व संतुलित बजट है। बुनियादी ढांचे को मजबूत करने व निवेश को बढ़ाने पर जोर देने के कारण यह उत्पादकता बढ़ाने वाला बजट है। कौशल विकास पर जोर देते हुए युवाओं को स्टार्टअप के माध्यम से स्वरोजगार की तरफ मोड़ने का प्रयास किया गया है। इन सभी से उत्पादकता व रोजगार की उपलब्धता बढ़ेगी। कृषि ऋण लक्ष्य बढ़ने से खाद्यान्न उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा क्षेत्र के प्रगतिशील किसान संतोष सिंह ने बजट को किसानों के लिए लाभकारी बताया। कहा क्रेडिट कार्ड की राशि बढ़ने पर इसका लाभ किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने से किसानों को अत्यंत आवश्यक वित्त उपलब्ध होगा और खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। किसानों की आय डबल करने के मामले में केंद्र सरकार मौन जखेला के उन्नति शील किसान अंकित सिंह कहते हैं, किसान की औसतन आय तो 27 रुपये प्रतिदिन है। आम बजट में किसानों की आय डबल करने के मामले में केंद्र सरकार मौन रही है। वर्तमान में किसानों की आर्थिक दशा कैसी है इस बारे में वित्त मंत्री ने कुछ नहीं बताया। साल 2016 में यह घोषणा की गई थी कि पांच साल में किसानों की आय डबल हो जाएगी।
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