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शोध और पेटेंट के क्षेत्र में इतिहास रच रहा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय

मेरठ, 04 जनवरी (हि.स.)। मेरठ का चौधरी चरण सिंह विवि शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। शोध क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं के साथ एमओयू हस्ताक्षर कर रहा है तो पेटेंट कराने में भी विवि नई इबारत लिख रहा है। मेरठ के चौधरी चरण सिंह विवि की गणना देश के शीर्ष विश्वविद्यालयों में होती है। विवि के कई वैज्ञानिकों की गिनती विश्व स्तर पर होती है तो यहां से निकलने वाले छात्र भी देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। विवि की प्रथम महिला कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने विवि को शोध के क्षेत्र में अव्वल बनाने के लिए कई प्रयोग किए हैं। विवि के प्रेस प्रवक्ता प्रो. प्रशांत कुमार ने बताया कि शोध को बढ़ावा देने के लिए पीएचडी फेलोशिप ढाई हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दी गई है। विवि परिसर में 13 नए कोर्स शुरू किए गए हैं। इंजीनियरिंग में पीएचडी शुरू कराई गई है। पहली बार एमटेक पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। इसके साथ ही बीए-योगा, बीपीईएस, तीन वर्षीय एलएलबी, सिनेमेटोग्राफी, फिल्म स्टडीज, बीए अंग्रेजी ऑनर्स, बीए इतिहास ऑनर्स, बीएससी होम साइंस के पाठ्यक्रम भी शुरू किए गए हैं। विवि में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पाठ्यक्रमों में बदलाव किया गया है। नई शिक्षा नीति को जल्दी ही व्यावहारिक तौर पर लागू कर दिया जाएगा। प्रो. प्रशांत कुमार ने बताया कि खेलो इंडिया की रैंकिंग में विवि को प्रदेश में पहला और देश में 15वां स्थान हासिल हुआ है। शोध को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ इंडस्ट्री के साथ एमओयू साइन किए गए हैं। इससे विवि के छात्रों को इन संस्थानों में जाकर शोध करने के अवसर मिलेंगे और इससे देश को बड़ा लाभ मिलेगा। विवि ने 13 अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ एमओयू साइन किए हैं। इसी तरह से विवि के विभिन्न विभागों ने 41 पेटेंट कराए। उन्होंने बताया कि विवि में नैक मूल्यांकन की तैयारियां की जा रही है। उन्हें उम्मीद है कि विवि को नैक मूल्यांकन में ए प्लस-प्लस का ग्रेड मिल जाएंगे।
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