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भाजपा ने जनपद व जिला पंचायत तक का सफर तय करने वाले आशाराम व मनीराम को बनाया प्रत्याशी

भारतीय जनता पार्टी के द्वारा छत्तीसगढ़ के 21 प्रत्याशियों के नाम की पहली सूची में बस्तर के 12 विधानसभा सीटों में से दो सीटों पर नए चेहरे को प्रत्याशी प्रत्याशी बनाये जाने का ऐलान किया है। कांकेर विधानसभा में भाजपा से प्रत्याशी आशाराम नेताम को बनाया गया है, वहीं बस्तर विधानसभा में मनीराम कश्यप को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा के दोनों ही प्रत्याशी पंचायत स्तर से लेकर जनपद एवं जिला पंचायत तक के सफर कर विधान सभा का टिकट प्राप्त करने में सफल हुए हैं।

बस्तर विधानसभा के ग्राम लामकेर निवासी मनीराम कश्यप काफी लंबे समय से भाजपा में सक्रिय नेता के रूप में जाने जाते हैं। मनीराम कश्यप का राजनौतिक सफर ग्राम लामकेर के पंच से शुरू हुआ और इसके बाद वे सरपंच बने । पश्चात एक बार जनपद सदस्य बने, और लगातार तीन बार जिला पंचायत सदस्य बने,वर्तमान में जिला पंचायत के उपाध्यक्ष हैं। बस्तर विधानसभा में काफी अच्छी पकड़ होने की वजह से इस बार उन्हें टिकट दिया गया है। इससे पहले इस विधानसभा सीट से दो बार डॉ.सुभाउराम कश्यप को टिकट दिया गया था।लगातार दो बार लगातार चुनाव में मिली हार के बाद इस बार भाजपा ने चेहरा बदला है और मनीराम कश्यप को उम्मीदवार घोषित किया है।

वहीं कांकेर विधानसभा से आशाराम नेताम को प्रत्याशी बनाया गया है। आशाराम नेताम कांकेर जिले के ग्राम बेवरती निवासी हैं और पेशे से खेती किसानी का काम करते हैं। वर्ष1998 में भाजपा में प्राथमिक सदस्यता लेने के बाद ग्रामीण मंडल मंत्री के पद में 10 साल उन्होंने काम किया। वर्ष 2010 में महामंत्री ग्रामीण का पद उन्हें मिला, 2014 में मंडल अध्यक्ष बनाये गए।उसके बाद 2015 में जनपद सदस्य पद में निर्विरोध चुनाव जीते। साथ ही वर्ष 2016 में तुलसी मानस प्रतिष्ठान ब्लॉक के अध्यक्ष रहे और इसके अलावा वर्ष 2020 में कांकेर से अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष रहे। वहीं वर्तमान में कांकेर के गोंड आदिवासी समाज में सलाहकार के रूप में भी निर्वाचित हैं। इसके साथ ही आशाराम नेताम की पत्नि भी वर्तमान में सरपंच है।

बस्तर विधानसभा से प्रत्याशी बनाए गए मनीराम कश्यप ने कहा कि पौने 05 साल में बस्तर विधानसभा में हुए भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। लगातार दो बार से कांग्रेस के विधायक रहे लखेश्वर बघेल से जनता काफी नाराज हैं, जिसका फायदा भाजपा को मिलेगा और वे जरूर चुनाव जीतेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस विधानसभा में विकास कार्य पूरी तरह से ठप्प हो गया है, सिर्फ आदिवासियों का शोषण हो रहा है। यदि दोबारा लखेश्वर बघेल को टिकट दिया जाता है, या फिर कांग्रेस किसी नए चेहरे को टिकट देती है, उसके बाद भी इस बार भाजपा की ही जीत होने वाली है। मनीराम कश्यप ने अपने प्रतिद्वंदी वर्तमान विधायक लखेश्वर बघेल से रिश्तेदारी के सवाल पर कहा कि लखेश्वर बघेल के छोटे भाई मेरे साढू भाई हैं, रिश्तेदारी अपनी जगह है। राजनीति और चुनाव लड़ना यह अपनी जगह है। अभी टिकट मिली है और यह शुरुआत है। सरपंच हो या फिर जिला पंचायत सदस्य हो, मैं हमेशा अच्छे मतों से जीत कर आया हूं। उम्मीद है इस बार विधानसभा चुनाव भी जीतूंगा।

कांकेर विधानसभा से प्रत्याशी बनाये गए आशाराम नेताम ने कहा कि भाजपा आलाकमान ने छोटे से गांव में रहने वाले कार्यकर्ता को टिकट दिया है। ऐसे में वे जरूर चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पूरी तरह से मेहनत करेंगे। आशाराम ने कहा कि कांकेर में भाजपा काफी मजबूत हैं, वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई लेकिन यहां के वर्तमान विधायक शिशुपाल सोरी से कांकेर की जनता काफी नाराज है। जनता के हित के नाम पर उन्होंने सिर्फ अपना हित किया है, अगर उन्हें दोबारा कांग्रेस टिकट देती है तो उनकी हार निश्चिंत है, वहीं नए चेहरे को भी अगर कांग्रेस मौका देती है, तो भी इस बार भाजपा की जीत होगी। उन्होंने कहा कि वे अपनी जीत के लिए वह पूरी तरह से आश्वस्त है।

उल्लेखनीय है कि कांकेर व बस्तर दोनों सीटों पर भाजपा पिछले दो चुनावों से हार रही है। कांकेर विधानसभा सीट से आदिवासी समाज में अच्छी पैठ रखने वाले शिशुपाल शोरी वर्तमान में विधायक हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संसदीय सलाहकार व कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी का कांकेर गृहक्षेत्र है। जिस तरह से भाजपा ने समय से पहले ही अपना पत्ते खोले हैं, उसको लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह तरह की चर्चा भी हो रही है। इससे पहले तक भाजपा कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की बाद प्रत्याशियों के नाम तय करती आई है। लेकिन इस बार तमाम औपचारिकताओं को दरकिनार कर पार्टी ने समय से पूर्व ही प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।

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