गन्ने का भाव बढ़ाने व पिराई सत्र जल्दी शुरू करवाने की मांग को लेकर गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने जिला सचिवालय कैथल में बैठक कर डीसी को ज्ञापन दिया। सचिवालय के पार्क में किसानों की बैठक की अध्यक्षता युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना एडवोकेट व भाकियू जिलाध्यक्ष महावीर चहल नरड़ ने की। बैठक का संचालन कार्यकारी अध्यक्ष गुरनाम सिंह फरल व प्रदेश उपाध्यक्ष चमकौर सिंह ओजला ने किया। भाकियू नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में भाकियू नेताओं ने कहा कि गन्ना किसानों की मुख्य व्यापारिक फसल है। इस बार बीते सालों की अपेक्षा गन्ने की खेती अधिक है। प्रदेश के किसानों को मिलों में गन्ने का उचित भाव नहीं मिल रहा है। बीते वर्षो में बहुत कम भाव बढ़ाया गया है, जो कि नाकाफी है, जबकि चीनी के रेट अच्छे हैं। ऐसे में गन्ने का भाव 450 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए। युवा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम कसाना ने कहा कि गन्ना कानून के मुताबिक किसान की गन्ने की फसल की राशि 14 दिन में की जाए और जिस भी शुगर मिल के पास पिछले वर्षो की राशि बकाया है, वह तुरंत दिलाई जाए और गन्ना कानून के अनुसार उस बकाया राशि का ब्याज दिलाया जाए।
जिला अध्यक्ष महावीर चहल नरड़ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य बढ़ाना किसान विरोधी निर्णय है।प्रदर्शन में गन्ना संघर्ष समिति अध्यक्ष महीपाल नैन, रामेश्वर ढुल, नरेंद्र मागो माजरी, जैली चीका, पृरथी कौल, नरेंद्र चंदलाना, जोगिंदर कुंडू, विक्रम दुसैण, जसवंत सधू,रवि बडैच, ओमप्रकाश चंदलाना, नरेंद्र फरल,सतनाम दुसैण, कृष्ण मालखेड़ी, तेजा गिल, सुमीत गिल, निरंजन पंवार ढांड, रणधीर बरसाना, सुभाष भागल, केवल सिंह सिद्ध, जयपाल पूनिया, बलकार मलिक, दलीप कौल मौजूद रहे।