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जींद: आशा वर्करों ने अपनी हड़ताल को 17 अगस्त तक बढ़ाया

लघु सचिवालय के सामने जिलेभर की आशा वर्करों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही। आशा वर्करों ने अपनी हड़ताल 17 अगस्त तक बढ़ा दी। आशा वर्करों के धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान नीलम ने की। जबकि संचालन जिला सचिव राजबाला ने किया।

हड़ताली आशा वर्करों को यूनियन की राज्य नेता मुकेश, जगवंती आदि ने संबोधित करते हुए बताया कि हरियाणा सरकार लगातार आशाओं का शोषण कर रही है। वर्ष 2018 में आशाओं के साथ किए गए समझौतों को लागू नहीं किया जा रहा और ऊपर से हर रोज सरकार द्वारा नए-नए काम ऑनलाइन करने के लिए थौंपे जा रहे हैं। जिसके बदले में सरकार आशाओं को किसी भी प्रकार का मेहनताना नहीं देती, उल्टा विभाग के उच्च अधिकारियों एवं सरकार द्वारा आशाओं को तरह-तरह की धमकियां दी जा रही हैं। हालात तो यह है कि आज तक किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य केंद्रों व जिला अस्पतालों पर कोई सुविधा आशाओं को मुहैया नहीं करवाई गई।

आशा वर्करों को कर्मचारी का दर्जा मिले। सरकार की तरफ से जरूरत का सभी तरह का सामान उपलब्ध करवाया जाए। न्यूनतम वेतन 26 हजार लागू हो। ऑनलाइन काम का मेहनताना दिया जाए। आशाओं का सभी तरह का शोषण बंद हो। स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों में आशा वर्करों के लिए बैठने का प्रबंध, अलमारी, कुर्सियों आदि का प्रबंध किया जाए। आशा वर्करों की हड़ताल में मुख्य रूप सुनीता, शीला, संतोष, बाला, सुमन, कमलेश, पूजा, रोशनी, मंजू, अंजू, राजकुमारी आदि शामिल हुई।



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