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राजस्थान हाईकोर्ट : बैंक अधिकारी पर 50 हजार का जुर्माना

 न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करते हुए एक ही अनुतोष पर राजस्थान ग्रामीण बैंक के खिलाफ बार बार रिट याचिका दायर किए जाने पर राजस्थान उच्च न्यायालय की न्यायाधीश रेखा बोराणा ने बैंक अधिकारी हरीश शर्मा पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाते हुए रिट याचिका सारहीन मानते हुए खारिज कर दी और प्रार्थी को आदेश दिया कि जुर्माना राशि वादकरण कल्याण कोष में जमा करा कर रसीद पेश करें।

बैंक अधिकारी श्रेणी द्वितीय पद पर कार्यरत शर्मा ने रिट याचिका दायर कर कहा कि बैंक की ओर से जारी आरोप पत्र 19 अक्टूबर 2023 को रद्द कर बैंक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएं। राजस्थान ग्रामीण बैंक की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आर एन माथुर और अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि प्रार्थी न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का आदी हो चुका है और न्यायालय की खंडपीठ और एकलपीठ ने आदेशों में इसका जिक्र किया है,लेकिन शर्मा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि इसी आरोप पत्र पर बेतुके और आधारहीन तथ्यों पर 6 याचिकाएं दायर की जा चुकी है सो इस याचिका को हर्जाने के साथ खारिज की जाएं।

राजस्थान उच्च न्यायालय की न्यायाधीश रेखा बोराणा ने 50 हजार रुपये जुर्माने के साथ रिट याचिका खारिज करते हुए कहा कि बैंक की प्रारंभिक आपत्ति पर प्रार्थी को रिट याचिका वापिस लेने का अवसर दिया था,जिसे उसने नकार दिया। उन्होंने कहा कि याची ने इस न्यायालय में एक के बाद एक छह से अधिक रिट याचिका और अपील इसी आरोप पत्र के बाबत दायर की और पूर्व आदेशों में उसे बैंक के अनुशासनात्मक अधिकारी के समक्ष अपनी आपत्तियां 15 दिवस में दर्ज कराने का अवसर दिया,लेकिन प्रार्थी न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का आदी हो चुका है और बैंक के समक्ष आपत्तियां दर्ज नहीं कर फिर से एक और रिट याचिका दायर करने का दुस्साहस किया । उन्होंने कहा कि किसी भी याची को न्याय का दुरुपयोग करने की छूट नहीं दी जा सकती है। उन्होंने बेतुकी रिट याचिका करने पर प्रार्थी को आदेश दिया कि 30 दिन में जुर्माना राशि वादकरण कल्याण कोष में जमा करा न्यायालय में रसीद पेश करें।

उल्लेखनीय है कि हरीश शर्मा ने राजस्थान ग्रामीण बैंक के खिलाफ पिछले सात माह में राजस्थान उच्च न्यायालय में 30 रिट याचिका दायर की, जिसमें से 25 याचिका खारिज हो चुकी है।

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